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13 February 2017

मप्र व्‍यापमं घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने 600 एमबीबीएस छात्रों के एडमिशन को रद्द किया

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चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने छात्रों द्वारा दायर सभी याचिका को खारिज कर दिया और 2008-2012 के दौरान हुए  एमबीबीएस छात्रों के एडमिशन को रद्द करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि दाखिले और भर्ती को लेकर मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाला सामने आया था। पहली बार यह घोटाला तब उजागर हुआ जब इंदौर पुलिस ने 2009 के पीएमटी प्रवेश से जुड़े 20 नकली अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया था।  

इससे पहले 268 छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने एक दिलचस्प फैसला सुनाया था। मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने दो अलग-अलग फैसले सुनाए। सुनवाई कर रहे जस्टिस जे चेलामेश्वर ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाते हुए कहा कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए करीब 600 छात्रों को ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद पांच साल तक भारतीय सेना के लिए बिना किसी वेतन के काम करना पड़ेगा। पांच साल पूरे होने पर ही उन्हें डिग्री दी जाएगी। इस दौरान उन्हें केवल गुजारा भत्ता दिया जाएगा।

वहीं जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने हाईकोर्ट के दाखिला रद्द करने के फैसले को बरकरार रखते हुये छात्रों की अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद मामले को तीन जजों की बेंच में भेजा गया। गौरतलब कि व्यापमं में सामूहिक नकल की बात सामने आने पर 2008-2012 के छात्रों के बैच के एडमिशन रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद सभी छात्रों ने कोर्ट से इस मामले में दखल देने की अपील की थी।

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TAGS: मप्र व्‍यापमं, सुप्रीम कोर्ट, दाखिला, सामूहिक नकल, मेडिकल, medical, supreme court, admission, cancel, mp vyapam scam
OUTLOOK 13 February, 2017
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