बाल यौन उत्पीड़न के खिलाफ भारत यात्रा करेंगे कैलाश सत्यार्थी
मंगलवार को मीडिया से रु-ब-रू होते हुए नोबल पुरस्कार विजेता ने बताया कि यह देश के इतिहास में सबसे बड़ा जन आंदोलन होगा जो 22 राज्यों से होकर गुजरेगा और 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इसमें समाज के हर तबके के लोगों को जोड़ा जाएगा। उनका कहना है कि जिस तरह देश की छोटी-छोटी बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही है वह सीधे तौर पर नैतिक महामारी ही कही जा सकती है। इसके ज्यादातर पीड़ित मुखर रूप से कम ही सामने आते हैं लेकिन कुछ सामने आए हैं और वह उनकी मुहिम में साथ हैं। अभी तक केंद्र सरकार यौन उत्पीड़न से जुड़ा कानून भी पारित नहीं करा पाई है। जागरुकता अभियान के दौरान लोगों को सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत का संकल्प भी दिलाया जाएगा ताकि एक सख्त कानून पारित कराया जा सके।
इस दौरान यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के परिजनों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि देश में न्याय के लिए भटकना पड़ता है। इससे आरोपियों के हौंसले बुलंद रहते हैं। पुलिस भी ठीक से बात नहीं करती है। अदालतों से न्याय मिलना तो दूर की बात है। पीड़ितों ने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग भी की। कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि वह सरकार से जल्द न्याय दिलाने के लिए त्वरित अदालतों के गठन की भी मांग करेंगे। अभियान का मकसद आगामी पीढ़ी को सुरक्षित जीवन देना है। उन्होंने कहा कि कानून की मौजूदा स्थिति को देखते हुए तो यही लगता है कि यौन शोषण के आरोपियों को सजा दिलाना एक टेढ़ी खीर ही है।