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26 May 2016

दूसरे इतालवी मरीन को भी मिली राहत, विजयन ने मोदी सरकार को लिया आड़े हाथ

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न्‍यायालय ने भारत एवं इटली के बीच क्षेत्राधिकार के मामले पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसला लेने तक साल्‍वाटोर को अपने देश में रहने की अनुमति दी है। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर केंद्र का रुख स्‍वीकार नहीं है। इतालवी मरीनों पर केरल के दो मछुआरे की हत्या का आरोप है। एक अन्य इतावली मरीन मैसिमिलियानो लाटोर स्वास्थ्य संबंधी कारणों के आधार पर पहले ही इटली में है और न्यायालय ने वहां उसके रहने की तिथि इस वर्ष 30 सितंबर तक के लिए हाल में बढ़ा दी थी।

न्‍यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ की अवकाशकालीन पीठ ने यहां इतालवी राजदूत से एक नया वादा मांगते हुए कहा कि यदि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (आइएटी) क्षेत्राधिकार के मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो मरीन को एक माह में वापस लाने की जिम्मेदारी उनकी होगी।

केंद्र ने न्यायालय को बताया कि उसे मरीन की जमानत शर्त में ढील दिए जाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। इटली के दो मरीनों पर केरल के भारतीय मछुआरे की हत्या का आरोप है। उन्होंने केरल के तट में 15 फरवरी 2012 को भारतीय मछुआरे 25 वर्षीय अजेश बिंकी और 45 वर्षीय गैलिस्टीन की हत्या की। 

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TAGS: उच्चतम न्यायलय, केरल, मछुआरेे, इतालवी मरीन, विजयन, मोदी सरकार, vijayan, kerala government, italian marine, supreme court, bail condition
OUTLOOK 26 May, 2016
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