10 में से सिर्फ पांच आईआईटी-आईआईएम होंगे शुरू
नए आईआईटी और आईआईएम खुलने की राह में अड़चनें हैं। उन अड़चनों की असल वजह सामने आने में तो शायद वक्त लगे, लेकिन तथ्य यह है कि गाड़ी अटक-अटक कर चल रही है।
पिछले साल पूरे जोर-शोर से मोदी सरकार ने घोषणा की थी कि देश में 10 नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) खोले जाएंगे। एक साल में इन 10 में से पांच आईआईटी का तो कुछ अता-पता भी नहीं है। अब यह माना जा रहा है कि जम्मू, छत्तीसगढ़ और गोवा में खुलने वाले आईआईटी और पंजाब और हरियाणा में खुलने वाले आईआईएम का मामला खटाई में पड़ गया है। अब नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने में दो महीने से भी कम रह गया है और इन तमाम प्रस्तावित संस्थानों के लिए जमीन भी नहीं चयनित की गई है।
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इन पांचों संस्थानों को अगले साल यानी 2016 में शुरू करने का लक्ष्य रखा जाएगा। मंत्रालय की इतनी मत्वाकांक्षी परियोजना का इस तरह से विफल होना मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के कामकाज पर सवालिया निशान उठा रहे हैं। अभी तक यह मंत्रालय अपने कामकाज से अधिक दूसरे तमाम वजहों से चर्चित रहा है। पिछले साल मंत्रालय द्वारा इन 10 संस्थानों के लिए जमीन देखने के लिए गठित समिति ने संबंधित राज्य का दौरा भी किया। संबंधित राज्य सरकारों द्वारा परिसर के लिए दी जा रही जमीन को भी इस समिति ने देखा। समिति ने केरल और आंध्र प्रदेश के आईआईटी और हिमाचल प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र के आईआईएम के लिए आवंटित की गई जमीन को हरी झंडी दे दी गई। गोवा, जम्मू और छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित नए आईआईटी औऱ पंजाब तथा उड़ीसा के नए प्रस्तावित आईआईएम क्या इस नए सत्र में शुरू हो पाएंगे, इस बारे में मंत्रालय में कोई भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।
हालांकि अभी तक की स्थिति में कोई भी यह भी नहीं कह सकता कि ये इस सत्र में शुरू हो जाएंगे। पूरे मंत्रालय में इस बारे में चुप्पी है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2015-16 में पांच आईआईटी (जम्मू, छत्तीसगढ़, गोवा, केरल और आंध्र प्रदेश) और पांच आईआईएम (उड़ीसा, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र) खोलने के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।