पीएसी ने आरबीआई गवर्नर सेे पूछा, क्यों न मुकदमा चलाकर आपको हटा दिया जाए?
उर्जित पटेल के अलावा पीएसी के सामने फाइनेंस सेक्रेटरी अशोक लवासा और इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास भी मौजूद रहेंगे। समिति के चेयरपर्सन और सीनियर कांग्रेस नेता केवी थॉमस ने कहा, 'हमने पटेल को जो प्रश्नावली भेजी थी, उसका कोई जवाब नहीं मिला है।' उन्हें 20 जनवरी को अफसरों के साथ होने वाली मीटिंग के पहले जवाब देना होगा। ताकि उनकी विस्तार से चर्चा की जा सके।'
समिति ने पूछा कि 'नोटबंदी की सिफारिश करते हुए क्या आरबीआई ने बताया था कि इससे देश की 86% नकदी अवैध हो जाएगी? आरबीआई इतनी ही नकदी कब तक व्यवस्था में लौटा पाएगा?' 'किस कानून के तहत लोगों को नकदी निकालने पर सीमा तय की? अगर आप नियम आप न बता सकें, तो क्यों न आप पर मुकदमा चलाया जाए और शक्तियों का मिसयूज करने के लिए पद से हटा दिया जाए?' 'दो महीनों में बार-बार बदलाव क्यों हुए? किस अधिकारी ने उंगली पर स्याही लगाने का विचार दिया? शादी से जुड़े पैसों को निकालने का नोटिफिकेशन किसने तैयार किया? क्या यह सब सरकार ने किया?'
आगे के सवाल के अनुसार 'कितने नोट बंद किए गए और पुरानी करंसी में से कितना वापस जमा किया जा चुका है? जब 8 नवंबर को आरबीआई ने सरकार को नोटबंदी की सलाह दी तो कितने नोटों के वापस लौटने की संभावना थी? ' 8 नवंबर की आपात बैठक के लिए आरबीआई बोर्ड सदस्यों को कब नोटिस भेजा? कौन-कौन बैठक में आया? बैठक का ब्योरा क्या है?
'मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार नोटबंदी का फैसला आरबीआई के बोर्ड ने लिया था। सरकार ने सिर्फ सलाह पर कार्रवाई की। क्या आप सहमत हैं? 'अगर फैसला आरबीआई का ही था, तो यह कब तय किया गया कि नोटबंदी भारत के हित में है?' 'रातों-रात 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद करने के पीछे आरबीआई ने क्या कारण पाए?'