जेठमलानी बोले, फीस नहीं मिली तो केजरीवाल को गरीब क्लाइंट मान लूंगा
मीडिया से बात करते हुए राम जेठमलानी ने कहा है कि वह केवल पैसे वालों से ही फीस लेते हैं जबकि गरीबों के लिए वह मुफ्त में काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब अरुण जेटली का खेल है जो केस में उनके द्वारा किए गए क्रॉस इक्जामिनेशन से डर गए हैं।
गौर हो कि राम जेठमलानी इस केस में अरविंद केजरीवाल की ओर से पैरवी कर रहे हैं। जिसमें पहले कहा गया था कि वह इस केस में कोई फीस नहीं लेंगे। लेकिन हाल ही दिसंबर माह के पहले हफ्ते में लिखी चिट्ठी से सार्वजनिक हुआ है कि राम जेठमलानी ने अपनी फीस के तौर पर अब तक 3.86 करोड़ रुपये की मांग की है। इस पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि जेठमलानी ने पहले तो फीस नहीं लेने की बात कही थी। लेकिन अब उन्होंने बिल भेज दिया है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार भी इस मसले पर सवालों के घेरे में आ गई है। यह भी सामने आया है कि दिल्ली सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राम जेठमलानी को फीस का भुगतान करने की पूरी तैयारी कर ली थी। यहां तक उन्होंने एक चिट्ठी में यह भी लिखा कि इस मामले को एलजी के पास स्वीकृति के लिए नहीं भेजा जाए। व़ह यह भी कह रहे हैं कि बिलों का भुगतान कर दिया जाए और यह भी ध्यान रखा जाए कि आगे भी जो बिल आएं उनका भी भुगतान कर दिया जाए।
इससे साफ होता है कि यह केस अरविंद केजरीवाल सरकारी खर्चे से लड़ रहे थे। भाजपा ने केजरीवाल को इस पर घेरा भी है।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर अरविंद केजरीवाल ने डीडीसीए को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे। केजरीवाल के इन आरोपों के बाद अरुण जेटली ने इस मामले में निजी तौर पर केजरीवाल उनपर हमला करने वालों से अपने बयान वापस लेने के लिए कहा और माफी मांगने के लिए कहा। ऐसा न करने पर अरुण जेटली ने इन लोगों पर मानहानि का केस दर्ज करने की बात कही थी।