संघ-भाजपा के रिश्तों ने बनाया मालदार
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े दो बड़े कारोबारियों के ठिकानों पर डाले गए आयकर विभाग के छापे से जहां कांग्रेस को बड़ा हथियार मिल गया है वहीं भाजपा सरकार पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं कि मध्य प्रदेश में काली कमाई वालों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। लोकायुक्त के पास भी भ्रष्टïाचार से जुड़ी शिकायतों का अंबार लगा है। पिछले एक साल में राज्य में आयकर विभाग के छापों ने सत्तातंत्र को हिला कर रख दिया है। बाबू से लेकर नौकरशाह तक इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं। ताजा मामला भाजपा और संघ नेताओं के नजदीकी रिश्ते वाले दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा का है। कभी शिक्षक रहे सुधीर शर्मा की गिनती आज प्रदेश के बड़े कारोबारियों में की जाती है। वहीं दिलीप सूर्यवंशी का कारोबार पिछले सात सालों में 13 करोड़ से बढ़कर एक हजार करोड़ तक पहुंच गया है। मजेदार बात तो यह है कि सूर्यवंशी न तो भाजपा के कोई पदाधिकारी हैं और न ही सरकार के किसी पर लेकिन उनका इतना दबदबा है कि वे सरकार और नौकरशाह के बीच कड़ी का काम करते हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कहते हैं कि कम समय में करोड़ों रुपये कमाने वालों के संबंध भाजपा सरकार से जरुर होगे अब यह बात पुष्टï हो चुकी है। लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा सूर्यवंशी और शर्मा का बचाव करते हैं। शर्मा प्रदेश भाजपा इकाई के शिक्षा प्रकोष्ठï से भी जुड़े हैं। झा कहते हैं कि वे ईमानदारी से अपना व्यवसाय करते हैं। कम समय में पैसा कमाना भाग्य पर निर्भर करता है। लेकिन आयकर विभाग के छापों में जो दस्तावेज और संपत्तियों का ब्यौरा मिला है वह कम चौकाने वाला नहीं है। साठ ठिकानों पर मारे गए छापे में साढ़े छह करोड़ रूपये नकद, दस किलो सोना और सैकड़ों एकड़ जमीन के कागजात मिले हैं। आयकर विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक छापे के दौरान जो कोड वर्ड में लिखी डायरिया मिली हैं उसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य हो सकते हैं। जिसके लिए सीबीआई को भी मामला सौंपा जा सकता है। आयकर विभाग को जिन परिसंपत्तियों की जानकारी मिली है उसका रिकार्ड तो खंगाला ही जा रहा है साथ में इस बात की तहकीकात की जा रही है किन नेताओं से इनके रिश्ते हैं। सूर्यवंशी के बारे में बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इनकी नजदीकी है जबकि शर्मा आरएसएस नेता सुरेश सोनी के करीबी हैं। छापे के बाद शर्मा कहते हैं कि उनका बड़ा कारोबार है तो बड़ी कार्रवाई होगी और दूसरी बात अगले साल राज्य में चुनाव होने हैं तो राजनीतिक कारणों से भी सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसे छापे डाले जाते हैं। जो भी हो लेकिन एक बड़ा सवाल तो है ही कि राज्य में पिछले एक साल में काली कमाई करने वालों की सूची में बेतहाशा वृद्घि हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि जब सरकार कार्रवाई कर रही है तो मामले उजागर होंगे ही। कांग्रेस शासनकाल में तो ऐसी कार्रवाइयां होती ही नहीं थी। लेकिन ऐसी कार्यवाहियों ने कांग्रेस को एक बड़ा हथियार दे दिया है। कांग्रेसी विधायकों ने जब विधानसभा में भ्रष्टïाचार के विरुद्घ सरकार को घेरा तो दो विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबित कर दिया। कांग्रेस आक्रामक मुद्रा में है। भोपाल की सड़कों पर कांग्रेस के पोस्टर जिन सवालों का जवाब मांग रहे हैं उसे नजरअंदाज करना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।