अजमेर दरगाह विस्फोट : आरएसएस नेता सहित दो को उम्रकैद
कोर्ट ने सजा के साथ ही पटेल पर 10,000 रुपये तथा गुप्ता पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
बचाव पक्ष के वकील जेएस राणा ने कहा कि यह सजा संभावनाओं के आधार पर सुनाई गई है। हम इसे निश्चित रूप से चुनौती देंगे।
16 तारीख को विशेष अदालत में ये मामला आया था, तो बचाव और अभियोजन पक्ष दोनों ने अभियुक्तों देवेन्द्र गुप्ता और भवेश पटेल की सजा को लेकर अपनी अपनी दलीले अदालत के सामने पेश की थी।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सजा पर फैसला बुधवार 22 मार्च तक के लिए टाल दिया था।
जयपुर की नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 3 लोगों भवेश पटेल, देवेंद्र गुप्ता तथा सुनील जोशी को दोषी ठहराया, जबकि 5 को बरी कर दिया था।
एनआईए कोर्ट से संघ नेता इंद्रेश कुमार को क्लीन चिट मिल गई थी, वहीं स्वामी असीमानंद को भी दोषमुक्त कर दिया गया था, जबकि एक अन्य दोषी सुनील जोशी की मौत हो चुकी है।
अजमेर स्थित प्रसिद्ध ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को प्रेशर कुकर बम से ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 3 जायरीनों की मौत हो गई थी, जबकि 15 जायरीन घायल हुए थे। विस्फोट के बाद पुलिस को तलाशी के दौरान लावारिस बैग मिला था, जिसमें टाइमर लगा जिंदा बम मिला था। इसके बाद इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई। एनआईए ने अपनी जांच में कुल 13 लोगों को धमाके का दोषी पाया था।