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30 September 2016

राजीव रोशन हत्याकांड : ज़मानत रद्द होने के बाद शहाबुद्दीन ने किया सरेंडर

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बिहार के सिवान ज़िले में शक्ति का पर्याय माने जाने वालेे शहाबुद्दीन के 11 साल बाद जेल से रिहा होने के बाद अपने 3 बेटों को गंवाने वाले चंदा बाबू ने सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। इसके बाद राजनीतिक रूप से दबाव महसूस कर रही बिहार सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची। दोनों ने शहाबुद्दीन को ज़मानत देने वाले हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की।

चंदा बाबू के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि पटना हाई कोर्ट ने शहाबुद्दीन ज़मानत देते वक्त सभी अहम तथ्यों की उपेक्षा की। भूषण ने कोर्ट को बताया कि शहाबुद्दीन को अब तक कुल 10 मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है। इसमें से 2 मामले हत्या के हैं। उसके खिलाफ 45 मुकदमे लंबित हैं। इनमें से 9 कत्ल के मुकदमे हैं।

शहाबुद्दीन की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील शेखर नाफड़े ने उसका ज़ोरदार बचाव किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले 40 से ज़्यादा मामलों में शहाबुद्दीन को ज़मानत मिली। उनके खिलाफ राज्य सरकार ने इसलिए अपील नहीं की क्योंकि सभी फैसले तकनीकी रूप से सही थे। ये फैसला भी सही है। लेकिन इस बार राज्य सरकार राजनीतिक दबाव में है। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फ़ैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने शहाबुद्दीन को तुरंत जेल भेजने को कहा। फ़िलहाल, शहाबुद्दीन को वापस भागलपुर जेल भेजा जाएगा। चंदा बाबू के वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि वो बहुत जल्द उसे बिहार से बाहर की किसी जेल में भेजने की अर्ज़ी दाखिल करेंगे।

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TAGS: शहाबुद्दीन, राजीव रोशन हत्याकांड, सुप्रीम कोर्ट, जमानत, पटना हाई कोर्ट, patna high court, supreme court, bail, rajiv roshan murder, shabuddin
OUTLOOK 30 September, 2016
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