स्मृति के मंत्री बनने से पहले कपड़ा मंत्रालय को मिले छह हजार करोड़
गौरतलब है कि स्मृति ईरानी से मानव संसाधन विकास मंत्रालय छीनकर कपड़ा मंत्रालय दे दिया गया। उसके बाद कहा जा रहा है कि ईरानी का डिमोशन कर दिया गया है। लेकिन हाल में मिले विशेष पैकेज से इस बात का संकेत भी जाता है कि प्रधानमंत्री की इस मंत्रालय पर विशेष नजर है इसलिए स्मृति को कपड़ा मंत्रालय दिया गया है। ईरानी भी इस पैकेज को लेकर खासा उत्साहित हैं। नए मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद स्मृति ने कहा भी कि नए पैकेज से कपड़ा उद्योग को एक नया मुकाम मिलेगा। उन्होने उम्मीद भी जताई की जो जिम्मेवारी उन्हें सौंपी गई है कि उसे सही तरीके से पूरा करेगी।
बीत दो साल में मंत्रालय की उपलब्धियों की बात अगर छोड़ दे तो अगले तीन साल में पांच लाख हथकरघा बुनकरों को मुद्रा ऋण देने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही इस क्षेत्र के लिए मोदी सरकार ने पहले से ही घोषणाएं कर रखी है जिसमें टैक्स और उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन शामिल है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके। विशेष पैकेज के तहत कपड़ा उद्योग के मौसम आधारित स्वरूप को देखते हुए आयकर अधिनियम की धारा 80जेजेएए के तहत 240 दिनों के प्रावधान में ढील देते हुए इसे परिधान उद्योग के लिए 150 दिन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही संशोधित-टीयूएफएस के तहत गारमेंट इकाइयों को प्रदान की जाने वाली सब्सिडी को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जा रहा है, जिससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिले।
यह पैकेज इनपुट आधारित प्रोत्साहनों के बजाय परिणाम आधारित प्रोत्साहन देने की दिशा में एक अभिनव कदम है। इस योजना की एक अनूठी विशेषता यह है कि इसके तहत सब्सिडी तभी दी जाएगी जब अपेक्षित रोजगारों का सृजन बाकायदा हो जाएगा। इसके साथ ही भारत सरकार प्रथम तीन वर्षों तक कपड़ा उद्योग के उन नए कर्मचारियों के लिए नियोक्ता भविष्य निधि योजना के तहत नियोक्ता के समस्त 12 फीसदी योगदान का बोझ खुद उठाएगी जो प्रति माह 15,000 रुपये से कम कमाते हैं। स्मृति ईरानी के मंत्री बनने से पहले ही सरकार ने कपड़ा मंत्रालय के जरिए जो संभावनाएं जताई उसके मुताबिक अगले तीन साल में निर्यात में 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि के साथ रोजगार की संख्या में 12.25 लाख की वृद्धि होगी। साथ ही निवेश में 7 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि की भी संभावना है। बीते दो साल की बात की जाए तो पूर्व कपड़ा मंत्री संतोष गंगवार का दावा था कि वस्त्र क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए वस्त्र मंत्रालय द्वारा विभिन्न योजनाओं पर 6,500 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय किया गया है। साथ ही इस क्षेत्र में पिछले 2 वर्षों में लगभग 5 लाख अतिरिक्त नौकरियों का सृजन किया गया है।