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30 January 2020

निर्भया के दोषी अक्षय कुमार की भी क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में खारिज

File Photo

 

2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में एक और दोषी की क्यूरेटिव पिटीशन पर फैसला आ चुका है। कोर्ट ने गुरुवार को चार दोषियों में से एक अक्षय की याचिका खारिज कर दी है। हालांकि उसके पास राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर करने का विकल्प है।

पांच जजों जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंगटन फली नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने अक्षय की याचिका पर सुनवाई की। अक्षय ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अपनी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी, जिसपर आज सुनवाई हुई।

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बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया था। मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका को खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

विनय ने दायर की दया याचिका

इससे पहले बुधवार को 2012 के दिल्ली गैंगरेप केस में दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की है। विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने बुधवार को बताया है कि उसने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर कर अपनी फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई है। अब राष्ट्रपति उसकी सजा को लेकर फैसला करेंगे।

क्यूरेटिव याचिका लगाने वाला अक्षय तीसरा दोषी

मुकेश और विनय की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है। अक्षय तीसरा दोषी है जिसने इस विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए अर्जी लगाई है। अगर अक्षय सिंह की यह याचिका खारिज हो जाती है, तो निर्भया केस में मिली मौत की सजा के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका भेजने का अन्य विकल्प होगा। निर्भया रेप और मर्डर केस में मुकेश सिंह और विनोद के बाद क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने वाले वह तीसरा दोषी है।

अक्षय की क्यूरेटिव याचिका में क्या कहा गया है

निर्भया मामले के दोषी अक्षय सिंह की ओर से क्यूरेटिव याचिका अधिवक्ता एपी सिंह दायर की गई जिसमें कहा गया है कि वर्तमान क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमति दी जानी चाहिए और इसे 5 मई, 2017 के आदेश को रद्द करना चाहिए, जिसने मौत की सजा को बरकरार रखा है।

बता दें कि दोषी अक्षय कुमार सिंह (31) ने कहा है कि अपराध की बर्बरता के आधार पर शीर्ष न्यायालय द्वारा उसके अनुरूप मौत की सजा के सुनाने से इस न्यायालय की और देश की अन्य फौजदारी अदालतों के फैसलों में असंगतता उजागर हुई हैं। इन अदालतों ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय को देखते हुए सभी समस्याओं के समाधान के रूप में मौत की सजा सुनाई है।

सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है मुकेश और विनय की क्यूरेटिव याचिका

इससे पहले दोषी मुकेश और विनय की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है, लेकिन अब देखने वाली बात ये होगी कि अदालत अक्षय की याचिका पर क्या फैसला सुनाती है। इससे पहले बुधवार को मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। बता दें कि दोषी मुकेश ने दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई थी।

1 फरवरी को सुबह 6 बजे दी जानी है फांसी

निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा पर अमल के लिए एक फरवरी सुबह 6 बजे का डेथ वारंट जारी हो चुका है, लेकिन फांसी से बचने के लिए दोषी हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।

इससे पहले 22 जनवरी को सुबह 7 बजे होनी थी फांसी

 

इससे पहले उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी थी, लेकिन एक दोषी ने दया याचिका दायर की थी और उसकी दया याचिका खारिज होने के बाद प्रक्रिया के तहत नया डेथ वॉरंट जारी किया गया। चारों दोषियों में मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता शामिल हैं। एक दोषी ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

जानें क्या है निर्भया केस

बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। 23 वर्षीय निर्भया के साथ चलती बस में गैंगरेप किया गया था और उसकी बुरी तरह पिटाई की थी। बाद में ‌सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की मौत हो गई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक नाबालिग था। नाबालिग को किशोर अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जबकि राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इसके अलावा बाकी 4 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।

 

 

 

 

 

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TAGS: Supreme Court, dismisses, curative petition, Akshay Kumar Singh, one of the convicts, Delhi 2012 gangrape case.
OUTLOOK 30 January, 2020
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