कर्नाटक में बोले अमित शाह, सिद्धरमैया लिंगायत वोटों का धुव्रीकरण चाहते हैं
चुवाव की तारीखों के बाद कर्नाटक में चुनावी रंग गहराता जा रहा है। राजनीतिक लिहाज से काफी अहम इस दक्षिणी राज्य में बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के नेता जमकर पसीना बहा रहे हैं। एएनआई के मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह येदियुरप्पा जी को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने से रोकने की रणनीति है। वे (सिद्धरमैया सरकार) लिंगायत वोटों का धुव्रीकरण चाहते हैं, लेकिन समुदाय इसे लेकर जागरूक है। बीजेपी चुनाव के बाद अपना रुख स्पष्ट करेगी।
This is a strategy to stop Yeddyurappa Ji from becoming #Karnataka CM.They (Siddaramaiah govt) want to polarise Lingayat votes but community is aware of it. BJP will make its stance clear after polls: Amit Shah on K'taka approving recommendation of separate religion for #Lingayat pic.twitter.com/krZ38HzNzg
— ANI (@ANI) March 31, 2018
वहीं, शुक्रवार को सीएम सिद्धरमैया पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि उनका वक्त समाप्त होने वाला है। शाह ने यह भी कहा कि अगर उन्हें लगता है कि भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा कर भगवा विचारधारा को रोका जा सकता है, तो वह गलत हैं।
शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) को पुराने मैसूर क्षेत्र से 'अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा' लगेगा। भाजपा की 'नव शक्ति समावेश' रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यहां कहा, 'कहा जाता है कि भाजपा यहां (पुराने मैसूर क्षेत्र में) थोड़ी कमजोर है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का काम देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि सिद्दरमैया जी और जेडीएस को इस (पुराने) मैसूर क्षेत्र से अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा लगेगा।'
शाह ने पुराने मैसूर क्षेत्र से अपने दौरे की शुरुआत की, जहां पिछले चुनाव में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान शाह मैसूर, चामराजनगर, मांड्या और रामनगर जिलों का दौरा करने वाले हैं। वोक्कालिंगा समुदाय का प्रभाव क्षेत्र माने जाने वाले इन चार जिलों की कुल 26 विधानसभा सीटों में से भाजपा 2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। इसके अलावा, यह मुख्यमंत्री सिद्दरमैया का गृह क्षेत्र है। सिद्दरमैया मैसूर के रहने वाले हैं।
पुराने मैसूर में मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की अगुवाई वाली जेडीएस के बीच माना जा रहा है। शाह ने कहा कि जेडीएस नहीं बल्कि भाजपा में सिद्दरमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का माद्दा है, क्योंकि देवगौड़ा की पार्टी तो 'बस यहां-वहां कुछ सीटें हासिल करेगी।'
भाजपा अध्यक्ष ने मैसूर के लोगों से कहा कि वे एक 'कमीशन सरकार' और कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाने वाली सरकार के बीच चुनाव करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में एक रैली में सिद्दरमैया सरकार को '10 फीसदी कमीशन सरकार' करार दिया था। शाह ने कहा कि उनकी पार्टी सिद्दरमैया को हटाकर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री ही नहीं बनाना चाहती, बल्कि ऐसा बदलाव भी लाना चाहती है जिससे कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाया जा सके।
इस हफ्ते की शुरुआत में दावणगेरे में अपनी जुबान फिसलने की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सिद्दरमैया के भ्रष्टाचार का जिक्र करते वक्त अपने संबोधन में गलती कर दी थी, लेकिन राज्य की जनता ऐसी गलती नहीं करेगी, क्योंकि वे सिद्दरमैया के शासन को अच्छी तरह जानते हैं।
उन्होंने कहा, 'सिद्दरमैया और राहुल गांधी भ्रष्टाचार के बारे में बोलते वक्त मुझसे हुई गलती पर काफी खुश थे। मैंने गलती की थी, लेकिन कर्नाटक के लोग ऐसी गलती नहीं करेंगे, क्योंकि वे सिद्दरमैया सरकार को बहुत अच्छी जान गए हैं।' दावणगेरे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिद्दरमैया सरकार को 'सबसे भ्रष्ट' बताने की कोशिश में उन्होंने 'येदियुरप्पा' सरकार का जिक्र कर दिया था। बहरहाल, भाजपा सांसद प्रहलाद जोशी की ओर से गलती की तरफ ध्यान दिलाने के बाद शाह ने अपनी गलती सुधार ली थी।