सुलगता सहारनपुर: जुलूूूस बने हिंसा का बारूद, आग के ढेर पर पश्चिमी यूपी
सहारनपुर के दूधली गांव में गत 20 अप्रैल को अंबेडकर शोभायात्रा को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक टकराव हुआ था। अब सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर निकालेे जा रहे जुलूूूस और डीजे बजाने को लेकर इतना बवाल हुुुुआ कि कई दलितों के घर जला दिए गए। शुक्रवार को हुए दो पक्षों के बीच पथराव और आगजनी के दौरान एक युवक की मौत हो गई और दर्जन लोग घायल हैं।
सवाल उठता है कि आखिर सहारनपुर की ये दो घटनाएं क्या पश्चिमी यूपी के सुलगते माहौल की ओर इशारा कर रही हैं? महापुरुषों के नाम पर निकाले जाने वाली कथित शोभा यात्राएं उपद्रव और हिंसा का बारूद क्यों बनती जा रही हैं। गौरतलब है कि सहारनपुुुर की दोनों की घटनाओं में बिना अनुमति के जुलूूूस निकालेे जा रहेे थे। शोभा यात्राओं के नाम पर जुलूस के जरिए दबंगई दिखाने की यह प्रवृत्ति सूबे के बिगड़ते माहौल का सबूत है। यहां तक कि खुद पुलिसकर्मियों को भी उपद्रवियों के हमलों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों का आरोप-प्रत्यारोप
इस बीच प्रशासनिक अधिकारी भी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते नजर आ रहे हैं। सहारनपुर के एसडीएम मनोज सिंह ने एक टीवी चैनल को बताया कि अगर पुलिस मुस्तैद होती तो सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में कल हुई हिंसा को रोका जा सकता था। एसडीएम ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान ने बवाल को लेकर आशंका जताई थी। इसके बावजूद पुलिस क्यों नहीं पहुंची ?
तो वहीं सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे ने एसडीएम मनोज सिंह पर पलटवार किया कि एसडीएम साहब यहां के जिम्मेदार अधिकारी हैं। वो खुद लॉ एंड आर्डर का हिस्सा हैं। पुलिस जल्द नहीं पहुंची तो वह खुद मौके पर पहुंच जाते।
फैशन बन गया है जुलूस निकालना: मायावती
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बिना अनुमति के जुलूस आदि निकालना तथा उस दौरान मनमानी करके वातावरण को प्रदूषित तथा हिंसक बनाना वास्तव में एक फैशन सा हो गया है। इस मामले पर चिंता जताते हुए इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, “इससे यह साबित होता है कि बेहतर अपराध-नियन्त्रण तथा कानून-व्यवस्था सत्तारूढ़ भाजपा के बस की चीज नहीं है।“
बिना अनुमति के जुलूस निकालने तथा इसे लेकर नई परम्परा की शुरुआत करने वाले लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुये मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार को अब अपनी कथनी और करनी में अन्तर को समाप्त करके प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को जनहित में बेहतर बनाना होगा, वरना सरकारी तंत्रा से लोगों का विश्वास उठता चला जायेगा।