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26 August 2016

बांबे कोर्ट ने दिया हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश, चादर भी चढ़ा सकेंगी

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गत 9 जुलाई को दो जजों की पीठ में इस मसले पर अंतिम सुनवाई हुई थी। जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे की खंडपीठ मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ता नूरजहां सफिया नियाज की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव मोरे कोर्ट में पेश हुए। नियाज ने अगस्त 2014 में अदालत में याचिका दायर कर यह मामला उठाया था।

उन्होंने हाई कोर्ट से सूफी संत हाजी अली के मकबरे तक महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। अदालत ने दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मामला सुलझाने को भी कहा, लेकिन दरगाह के अधिकारी महिलाओं को प्रवेश नहीं करने देने की जिद पर डटे रहे। 

दरगाह के ट्रस्ट का कहना है कि यह प्रतिबंध इस्लाम का अभिन्न अंग है और महिलाओं को पुरुष संतों की कब्रों को छूने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। अगर ऐसा होता है और महिलाएं दरगाह के भीतर प्रवेश करती हैं तो यह 'पाप' होगा। राज्य ने न्‍यायालय से कहा कि महिलाओं को दरगाह के भीतरी गर्भगृह में प्रवेश करने से तभी रोका जाना चाहिए अगर यह कुरान में लिखा है। सरकार के अनुसार, 'दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को कुरान के विशेषज्ञों के विश्लेषण के आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता है।'

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TAGS: बांबे हाई कोर्ट, हाजी अली दरगाह, मुंबई, महिलाओं को प्रवेश, पाबंदी हटी, इस्‍लाम, कुरान, haji ali dargah, bombay high court, islam, maharashtra, woman entry open, court verdiction
OUTLOOK 26 August, 2016
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