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25 July 2017

राष्ट्रपति के तौर पर इसलिए याद रहेंगे प्रणब मुखर्जी, 10 प्रमुख बातें

- प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति के लिए सामंतवादी शब्द 'महामहिम' इस्तेमाल ना करने के लिए कहा। राष्ट्रपति से मिलने के लिए कई प्रोटोकॉल और नियमों में ढील दी गई।

- प्रणब मुखर्जी ने दो अलग-अलग सरकारों का बखूबी साथ दिया। जब भी वे सरकार के पक्ष से असहमत हुए उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी।

- उन्होंने देश में चल रही घटनाओं पर अपनी बात रखी, चाहे वो मॉब लिंचिंग हो, अभिव्यक्ति की आजादी हो या राष्ट्रवाद हो। उन्होंने हमेशा संवैधानिक मूल्यों का हवाला दिया।

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- 2016 में शत्रु संपत्ति एक्ट उन तक बगैर कैबिनेट की मंजूरी के आ गया था। इस पर उन्हें आपत्ति थी। कहा गया कि इससे जुड़ा अध्यादेश उन्होंने ना चाहते हुए पास किया। इसी वजह से उन्होंने अपने विदाई समारोह में अध्यादेशों के बारे में कहा कि जब जरूरी हो तभी इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

- संसद की कार्रवाई में लगातार व्यवधान डालने के लिए उन्होंने विपक्ष की तीखी आलोचना की। उन्होंने कई बार कहा कि संसद का कीमती समय शोर-शराबे की भेंट नहीं चढ़ना चाहिए। ये बात उन्होंने विदाई समारोह में भी दोहराई।

- राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने 35 दया याचिकाएं खारिज कीं। उन्होंने चार दया याचिकाएं स्वीकार कीं। इससे पहले प्रतिभा पाटिल ने केवल पांच दया याचिका खारिज की थीं। एपीजे अब्दुल कलाम ने एक दया याचिका खारिज की थी और एक स्वीकार की थी। के आर नारायणन ने किसी याचिका पर कोई फैसला नहीं लिया था।

- उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए बच्चों को पढ़ाया। इतिहास, राजनीति विज्ञान और लॉ में मास्टर्स डिग्री रखने वाले और कभी खुद अध्यापक रह चुके प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन के स्टेट में बने सर्वोदय विद्यालय में बच्चों को भारत के राजनीतिक इतिहास की जानकारी दी।

- लोगों से सीधे जुड़ने के लिए जुलाई 2014 से राष्ट्रपति भवन का ट्विटर अकाउंट शुरू किया गया। अकांउट शुरू होने के 20 दिनों के अंदर 102,000 लोग इससे जुड़ चुके थे। उनके कार्यकाल की समाप्ति तक 32 लाख से ऊपर लोग इस अकांउट से जुड़े हुए थे।

- उन्होंने ऊर्जा खपत को रोकने के लिए राष्ट्रपति भवन में 508 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगवाए।

- राष्ट्रपति भवन की गतिविधियों को उन्होंने सीधे लोगों से जोड़ा। इसके अलावा ई-पुस्तकालय, ई-इनविटेशन सिस्टम, ई-विजिटर्स मैनेजमेंट जैसी चीजों के अलावा कई योजनाओं को बढ़ावा दिया।

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TAGS: pranab mukherjee, president, ram nath kovind, rashtrapati bhawan
OUTLOOK 25 July, 2017
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