मोदी सरकार ने विकास के नाम पर काट डाले 1,09,75,844 पेड़, हर साल कट रहे 22 लाख
देश में विकास के नाम पर वृक्षों की कटाई धड़ल्ले से चल रही है। पिछले पांच वर्षों में विकास कार्यों की आड़ में 1 करोड़, 9 लाख 75 हजार 844 पेड़ काट दिए गए। यह जानकारी सरकार की तरफ से दी गई है। इन पेड़ों को काटने की इजाजत केंद्र/राज्य सरकारें दे चुकी हैं यानी एक तरह से देखा जाए तो देश में हर साल लगभग 22 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं और वह भी विकास के नाम पर काटे जा रहे हैं।
दरअसल, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से लोकसभा में पूछा गया था कि देश में विकास कार्यों, निर्माण, जंगल में आग लगने और अन्य वजहों से पिछले पांच साल में कितने पेड़ों को काटा गया। इस पर लोकसभा में 26 जुलाई को अपने जवाब में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने बताया कि 2014-15 में 23 लाख 34 हजार 319, 2015-16 में 16 लाख 96 हजार, 917, 2016-17 में 17 लाख 1 हजार 416, 2017-18 में 25 लाख 52 हजार 164 और 2018-19 में 26 लाख 91 हजार 28 पेड़ों को काटने की मंजूरी दी गई।
24.39 फीसदी वन क्षेत्र/वृक्ष कवर क्षेत्र
मंत्रालय से यह भी पूछा गया था कि देश के कितने हिस्से में वन क्षेत्र या वृक्ष कवर क्षेत्र हैं। इस पर पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियों ने जवाब दिया कि देश में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत आने वाला संगठन फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया, देहरादून वन क्षेत्रों का आकलन करता है, जिसके आंकड़े इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आइएसएफआर) में छापे जाते हैं। आइएसएफआर-2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश का 8 लाख 2 हजार 88 वर्गमीटर वनक्षेत्र है यानी देश के कुल क्षेत्रफल का 24.39 फीसदी इलाका वन क्षेत्र है। सरकार की तरफ से कहा गया कि आइएसएफआर-15 की तुलना में वन क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। पिछले चार वर्षों में और अधिक पौधे लगाने की योजना के बारे में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि 87113.86 हेक्टेयर क्षेत्र पर वनीकरण शुरू करने और 56,319 घरों में वैकल्पिक ऊर्जा का उपकरण मुहैया कराने के लिए 12 राज्यों को जीआइएम के तहत अभी तक 237.07 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, पिछले चार वर्षों के दौरान (2015-16 से 2018-19 तक) 94828 हेक्टेयर नए क्षेत्र का सुधार करने के लिए राज्यों को एनएपी के तहत 328.90 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
विपक्ष का हमला
सुप्रियो ने लोकसभा में कहा कि पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक पेड़ 2018-19 के दौरान काटे गए। इस दौरान कुल 26 लाख 91 हजार 28 पेड़ों को विकास के नाम पर काटने की मंजूरी दी गई। उधर, इस पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के कम्युनिकेशन इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “पेड़ जीवन है। पेड़ ऑक्सीजन देते हैं। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं। पेड़ पर्यावरण के रक्षक हैं। मोदी सरकार ने 5 साल में 1,09,75,844 पेड़ काट डाले। क्या मोदी सरकार भविष्य से खिलवाड़ कर रही है?