मुंबई ट्रेन धमाके: 188 की मौत के 12 गुनहगार दोषी
११ सितंबर को दोषी ठहराए गए 12 आरोपियों में कमाल अहमद अंसारी, तनवीर अहमद अंसारी, मोहम्मद फैसल शेख, एहतशाम सिद्दीकी, मोहम्मद मजीद शफी, शेख आलम शेख, मोहम्मद साजिद अंसारी, मुजम्मिल आलम शेख, सुहैल महमूद शेख, जमीर अहमद शेख, नवीद हुसैन खान और आसिफ खान शामिल हैं। इनकी सजा के बारे में सोमवार को सुनवाई शुरू होने की संभावना है।
आठ साल तक चले मुकदमे में अभियोजन ने आठ आईपीएस और पांच आईएएस अधिकारियों, 18 डाॅक्टरों सहित 192 गवाहों से पूछताछ की। बचाव पक्ष के वकील ने 51 गवाहों से पूछताछ की और एक व्यक्ति को अदालत के गवाह के रूप में बुलाया गया। ये गवाहियां करीब 5,500 पन्नों में दर्ज हैं।उल्लेखनीय है कि मुंबई की लोकल ट्रेनों के प्रथम श्रेणी के डिब्बों में 11 जुलाई 2006 को सात आरडीएक्स बम फटे थे, जिनमें 188 लोग मारे गए और 829 अन्य घायल हुए थे। ये विस्फोट खार रोड, सांताक्रुज, बांद्रा, जोगेश्वरी, माहिम जंक्शन, मीरा रोड, माटुंगा, माहिम जंक्शन और बोरिवली के आसपास 10 मिनट के भीतर हुए थे। मकोका न्यायाधीश ने पिछले साल 19 अगस्त को मुकदमा पूरा कर लिया था। लेकिन गवाहों से पूछताछ दो साल बाद शुरू हुई क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने 2008 में मुकदमे पर रोक लगा दी थी। रोक लगाए जाने से पूर्व अभियोजन एक अधिकारी से पहले ही पूछताछ कर चुका था। उच्चतम न्यायालय ने 23 अप्रैल 2010 को स्थगन वापस ले लिया था।
इस मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ते यानी एटीएस ने 20 जुलाई 2006 से तीन अक्तूबर 2006 के बीच 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 11 आरोपियों ने विस्फोटों में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए बयान दिए थे, लेकिन बाद में मुकर गए। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त एएन राॅय ने 2006 के मुंबई टेन विस्फोट मामले में 13 आरोपियों में से 12 लोगों को दोषी ठहराने के मकोका अदालत के फैसले का आज स्वागत किया। विस्फोटों की जांच में राॅय की भी भूमिका थी।