नोटबंदीः सड़कों पर 4 लाख ट्रक फंसे
एआईएमटीसी ने तत्काल प्रभाव से एटीएम और बैंकों से नकद निकासी की सीमा बढ़ाने की मांग की है, जिससे कि लोगों को हो रही परेशानी दूर हो सके। संस्था ने कहा कि स्थिति नहीं सुधरी तो दूध, सब्जियों, फलों और दवाओं की आपूर्ति भी प्रभावित होगी। एआईएमटीसी ने दावा किया है कि 93 लाख ट्रक, 50 लाख बसें और टुरिस्ट टैक्सी और कैब संचालक उसके सदस्य हैं। संस्था के अनुसार 500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने से कम से कम आठ लाख ड्राइवर और कंडक्टर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। एआईएमटीसी के अध्यक्ष भीम वाधवा ने कहा है कि अचानक हुई नोटबंदी की घोषणा से करीब चार लाख ट्रक देश के विभिन्न हिस्सों में फंस गए हैं। उनके चालक और कंडक्टर बैंकों और एटीएम के बाहर लाइन लगाने को मजबूर हैं। वाधवा ने कहा कि नकद निकासी की सीमा काफी कम होने और अनेकों स्थान पर एटीएम के काम नहीं करने की वजह से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय बुरी तरह चरमरा उठा है।
नोटबंदी से पूरे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को मानो सांप सूंघ गया है। सड़कों पर चलते ट्रकों की संख्या घटकर एक चौथाई रह गई है। जिनमें सिर्फ जरूरी चीजों की आवाजाही हो रही है। जबकि तीन चौथाई ट्रक अपने अड्डों पर खड़े हैं।पूरे देश में एक तरह की अघोषित चक्काजाम जैसी स्थिति है। नकदी की कमी से बाजारों में सामानों की मांग घटकर आधी रह गई है और केवल आवश्यक वस्तुओं की ही खरीद-फरोख्त हो रही है। बड़े-बड़े शोरूम और मॉल खाली पड़े हैं। जबकि छोटे दुकानदारों का आधा धंधा उधार पर चल रहा है।