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16 January 2019

देश में 8वीं के 56% छात्रों को सामान्य गणित नहीं आती, एक चौथाई बच्चे पढ़ तक नहीं सकते: रिपोर्ट

file photo

प्रथम एनजीओ की एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर)-2018 में देश की स्कूली शिक्षा को लेकर कई हैरान करने वाले आंकड़ें सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी स्कूलों के 8वीं क्लास के 56 फीसदी छात्रों को सामान्य गणित नहीं आती। कक्षा 5 के 72% छात्रों को भाग करना नहीं आता। 8वीं के 27 फीसदी छात्र दूसरी के स्तर की किताबें भी नहीं पढ़ पाते। तीसरी क्लास के 70% स्टूडेंट घटाना भी नहीं जानते।

समाचार एजेंसी आईएनएस ने एएसईआर के हवाले से बताया कि 10 साल पहले के मुकाबले 2018 में स्कूली छात्रों के प्रदर्शन के स्तर में काफी गिरावट आई है। साल 2008 में कक्षा 5 के 37 प्रतिशत छात्र गणित के बुनियादी प्रश्नों को हल कर सकते थे। लेकिन, 2018 में ऐसे छात्रों की संख्या कम होकर 28 फीसदी रह गयी। साल 2016 में यह आंकड़ा 26 प्रतिशत था।

27 प्रतिशत बच्चे पढ़ ही नहीं सकते

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रिपोर्ट के अनुसार बच्चो में पढ़ने की समस्या भी पाई गयी है। 27 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ ही नहीं सकते। साल 2008 में 8वीं कक्षा के 84.8 फीसदी विद्यार्थी कक्षा 2 के स्तर की पाठ्य पुस्तक पढ़ने में सक्षम थे। साल 2018 में ऐसे छात्रों की संख्या कम होकर 72.8% रह गई। यानी कक्षा 8 के 27% छात्र दूसरी के स्तर की पुस्तकें भी नहीं पढ़ सकते।

इस मामले में लड़कियों से आगे लड़के

सामान्य तौर पर लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में लड़कों से अच्छा कर रही हैं लेकिन जब बात सामान्य अंकगणित की आती है तो लड़के लड़कियों के मुकाबले ज्यादा बेहतर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर 14 से 16 साल उम्र के सभी लड़कों में से 50 प्रतिशत भाग के गणित को ठीक-ठीक हल कर सकते हैं जबकि केवल 44 फीसदी लड़कियां ही ऐसा कर सकती हैं। हालांकि हिमाचल प्रदेश, पंजाब, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में आंकड़ा उलटा है, जहां लड़कियां काफी बेहतर कर रही हैं।

यह है अच्छी खबर

इस रिपोर्ट में सबसे अच्छी खबर यह है कि भारत में पहली बार स्कूल में भर्ती नहीं लेने वाले बच्चों का अनुपात 3 फीसदी से कम हो गया है अब यह अनुपात 2.8% है। यह सुधार आयु समूहों और लिंग में देखा गया है। उदाहरण के लिए, 2018 में, 11 से 14 आयु वर्ग की लड़कियों का अनुपात 2006 की तुलना में 10.3% से घटकर 4.1% रह गया।

इस तरह किया गया सर्वे

एएसईआर ने यह सर्वेक्षण 596 जिलों के 3,54,944 परिवारों और तीन से 16 साल उम्र समूह के 5,46,527 बच्चों पर किया है। इस दौरान तीन बड़े पहलुओं को ध्यान में रखा गया है। बच्चों का स्कूल में दाखिला, उपस्थिति और सामान्य रूप से किताबों को पढ़ने और गणित की क्षमता तथा स्कूल में उपलब्ध बुनियादी ढांचे पर सर्वेक्षण किया गया है।

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TAGS: ASER report, Education Report, 56% of class 8th students, cant do basic maths, 27% cant read
OUTLOOK 16 January, 2019
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