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11 June 2017

हिंदू कानूनों के हिसाब से ‘वन नाइट स्टैंड’ विवाह नहीं: हाई कोर्ट

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'टाइम्स ऑफ इंडिया' में प्रकाशित खबर के अनुसार, बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस मृदुला भटकर ने कहा, 'किसी संबंध को विवाह की मान्यता के लिए पारंपरिक या कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जानी जरूरी हैं। किसी की इच्छा, इत्तेफाक या फिर अचानक  बने शारीरिक संबंध को शादी नहीं बताया जा सकता।' जज ने कहा कि लिव इन रिलेशन और उससे जन्में बच्चे कानूनी जानकारों के लिए एक पेचीदा मुद्दा और चुनौती बन गए हैं। हिंदू विवाह अधीनियम के तहत बच्चे के अधिकारों पर फैसले के लिए विवाह साबित करना अनिवार्य है, भले ही उसे निरस्त क्यों ना करार गया हो।

क्या था मामला?

कोर्ट के समक्ष एक मामले में एक व्यक्ति की दो पत्नियां थी। चूंकि यहां व्यक्ति की दूसरी शादी की सबूत मौजूद था, ऐसे में कोर्ट ने दूसरी विवाह को तो निरस्त करार दिया, लेकिन साथ ही कहा कि दूसरी पत्नी से जन्मी बच्ची को पिता की संपत्ति पर अधिकार होगा।

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TAGS: According Hindu law, 'One Night Stand', not married, Bombay High Court
OUTLOOK 11 June, 2017
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