यूपी में 56 लोग रिहा, सीएए के विरोध में 19 दिसंबर को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और एनआरआई के खिलाफ दो सप्ताह पहले विरोध प्रदर्शन करने वाले एक्टिविस्ट एकता और रवि शेखर गुरुवार को अपने 14 महीने के बच्चे के पास घर लौट आए। एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश की अदालत ने उनके साथ ही 56 लोगों को जमानत दे दी थी। 14 दिनों बाद मिली जमानत के बाद आज जब एकता अपनी बच्ची चंपक से मिली, तो अश्क थम ही नहीं रहे थे।
पर्यावरण एक्टिविस्ट शेखर दंपति जोकि एनजीओ क्लाइमेट एजेंडा चलाते हैं को 59 लोगों के साथ 19 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासल में लिया गया, जोकि अपनी बच्ची को अकेली छोड़े जाने के कारण सुर्खियों में रहे थे। बुधवार को वाराणसी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने एकता 32 वर्ष और रवि 36 वर्ष, महमूरगंज निवासियों के साथ ही 56 अन्य लोगों को जमानत दे दी थी। जमानत पर बाहर आने के बाद अपनी बेटी से मिलने के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि में बता नहीं सकती, इसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता था कि इतना लंबा समय लगेगा। सवा साल की बच्ची को 19 दिसंबर से अब तक माता-पिता का इंतजार था।
प्रियंका गांधी ने गिरफ्तार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी
गिरफ्तारी वाराणसी के महमूरगंज इलाके के शिवाजी नगर इलाके में हुई थी। इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि 'एक परिवार का एक साल का बच्चा अकेले है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन की ये सजा। सरकार का व्यवहार हद से बाहर हो चुका है। गिरफ्तार हुए एक्टिविस्ट दंपति रवि शेखर और एकता शेखर के अलावा उनके घर में बूढ़ी मां, बड़े भाई और भाभी ही रहते हैं। दंपति के जेल चले जाने के बाद बच्ची की सारी देखभाल की जिम्मेदारी बूढ़ी दादी और बड़ी मां पर आ गई थी। बड़ी मां देवोरिता का कहना है कि रवि और एकता 19 दिसंबर को ये कहकर गए थे कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे हैं और आते वक्त बच्ची के लिए डायपर और दूध लेकर आएंगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि शाम होते-होते दोनों की गिरफ्तारी की खबर उन तक आएगी।
एजेंसी इनपुट