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05 January 2020

यूपी में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान सभी मौतें पुलिस की गोली से हुईंः अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सभी मौतें पुलिस की गोली लगने से हुई हैं। उन्होंने कहा कि सीएए के समर्थन में भाजपा का अभियान लोगों को गुमराह करने के लिए है।

गोली से मरे व्यक्ति के परिजनों से मिले सपा प्रमुख

लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मारे गए मोहम्मद वकील के परिजनों से मिलने के बाद यादव ने कहा कि वकील प्रदर्शन शामिल नहीं था। सरकार को जांच करनी चाहिए कि उसे किसकी गोली लगी। पुलिस को अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मिल चुकी है।

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सभी मृतकों को मुआवजा देने की मांग

उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शन के दौरान सभी मौते पुलिस की गोली लगने के कारण हुई हैं। उन्होंने वकील के परिजनों को मकान और सरकारी नौकरी मुआवजे के तौर पर देने की मांग की। अभी उसका परिवार किराए के मकान में रहता है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान मारे गए सभी लोगों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।

विपक्ष का दावा- 19 से ज्यादा लोग मरे

उत्तर प्रदेश ने शुरू में दावा किया कि पुलिस फायरिंग से कोई मौत नहीं हुई। बाद में उसने माना कि पुलिस गोली से कुछ मौतें हुईं क्योंकि पुलिसकर्मियों को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी। अधिकारियों का कहना कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने से 19 लोगों की मौत हुई। जबकि विपक्षा ज्यादा लोगों के मरने का दावा कर रहा है।

सीएए, एनपीआर पर सवाल उठाया

सीएए के मुद्दे पर यादव ने कहा कि अगर दूसरे देशों के नागरिकों को सरकार नागरिकता देना चाहती है तो मुस्लिमों को यह अधिकार क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा समाज को बांटना चाहती है और इस मुद्दे पर राजनीति करना चाहती है। हर भारतीय सीएए और एनआरसी के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब आधार कार्ड में सभी जानकारी एकत्रित की जा चुकी है तो राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) क्यों बनाया जा रहा है।

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TAGS: Akhilesh Yadav, anti-CAA, protests, police, NPR
OUTLOOK 05 January, 2020
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