Advertisement
05 May 2015

मर्द को भी दर्द होता है

मनीषा भल्ला

समरा के सदस्यों ने अपने पंडाल में ऐसे-ऐसे बैनर और नारे लगाए थे कि यहां राहगीरों और मीडिया की खासी भीड़ थी। जैसे ‘ मर्द को भी दर्द होता है ’ बहनों का जब होगा सहयोग, तभी बनेगा पुरुष आयोग‘ । समरा की ओर से पंजाब के मोहाली जिला से आए गौरव सैणी ने बताया कि हम चाहते हैं कि अगर देश में पशुओं के लिए कल्याण बोर्ड बन सकता है तो पुरुषों के लिए क्यों नहीं ? सैणी कहते हैं कि ‘ लड़कियों के लिए लड़के वालों के खिलाफ दहेज की शिकायत कराना इतना आसान हो गया है कि जितना आसान पिज्जा-बर्गर ऑर्डर करना है। ’ अपनी व्यथा सुनाते हुए उन्होंने बताया कि उनकी मां बोन कैंसर से जूझ रही थी और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके ले गई। गौरव खुद एक्सपोर्ट का बिजनेस करते थे लेकिन अपनी लड़ाई लड़ने के लिए उन्होंने कानून की पढ़ाई की।         

 

इसी प्रकार मंजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि उन्हें गुजारे भत्ते के तौर पर अपनी पत्नी को जितने रुपये देने पड़ते हैं, उसे वह काफी मुश्किल से देते हैं। क्योंकि वह मर्चेंट नेवी में कैप्टन थे और उन्हें पानी का जहाज चलाने के अलावा कुछ नहीं आता। यहां कई महिलाएं भी आई हुईं थीं, जिनका कहना है कि लड़की की एक शिकायत पर लड़के का पूरा घर बिखर जाता है।

Advertisement

 

गौरव सैणी का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय की एक जजमेंट है जिसे सुशील कुमार बनाम उत्तर प्रदेश राज्य कहा जाता है। इसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने कानून की धारा 498-ए को कानूनी आतंकवाद बताया था। समरा की मांग है कि इस धारा को खत्म किया जाए।

 

 

क्या है 498-ए

आईपीसी की धारा 498-ए के मुताबिक विवाहित महिला को प्रताड़ित करने वाले पति और उसके रिश्तेदारों को तीन साल तक जेल की सजा हो सकती है। इसके अलावा जुर्माना भी लग सकता है। इस बारे में बात करने पर मानवाधिकार कार्यकर्ता और एडवोकेट कामायनी बाली महाबल कहती है ‘ औरतों के लिए बनाए गए कानूनों पर हमेशा हायतौबा मचती है। ऐसा कौन सा कानून है जिसका दुरप्रयोग नहीं होता है, तो क्या ऐसे में उस कानून को खत्म कर दिया जाए। मैं मानती हूं कि मुट्ठी भर लड़कियां हैं जो 498-ए का दुरप्रयोग करती हैं लेकिन उसके लिए सरकार को चाहिए कि इस कानून को संशोधित और मजबूत करे।’

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: जंतर-मंतर, घरेलू हिंसा, कल्याण बोर्ड, मोहाली, 498-ए, सर्वोच्च न्यायालय
OUTLOOK 05 May, 2015
Advertisement