एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री
कानपुर में भाजपा के एक कार्यक्रम में भाग लेने आए कठेरिया ने दावा किया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं। उन्होंने यह दावा करते हुए सवाल उठाया कि जब दोनों ही विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं तो फिर इन्हें अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा क्यों मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह मामला अदालत में विचाराधीन है और सरकार इस बारे में मजबूती से अदालत में अपना पक्ष रखेगी। इस मामले पर उन्होंने दलितों और पिछड़ों का ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से बसपा प्रमुख मायावती से भी साथ देने का आह्वान किया। कठेरिया ने कहा, खुद को दलितों और पिछड़ों का नेता कहने वाली बसपा प्रमुख मायावती को इस मामले पर भाजपा का साथ देना चाहिए क्योंकि इन दोनों संस्थानों में दलितों और पिछड़ों का हक मारा जा रहा है।
हालांकि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में दलित मतदाताओं पर मायावती का प्रभाव होने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि दलित मतदाता बसपा की जागीर नहीं है। बसपा ने बहुत दिन दलितों-पिछड़ों को बहकाया, डराया और उनका वोट लिया लेकिन अब वह जाग गया है और जान गया है कि केवल भाजपा ही केंद्र और उत्तर प्रदेश में उसका भला कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए कठेरिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों को बारी-बारी से देख चुकी है और अब वह सुशासन के लिये प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाएगी।