Advertisement
16 June 2020

लद्दाख में हिंसक टकराव से भारतीय सैन्य अधिकारी और दो जवान शहीद, चीनी सैनिक भी हुए हताहत

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद खत्म करने को हो रहे प्रयासों को उस समय करारा झटका लगा जब सीमा पर वार्ता के दौरान दोनों पक्षों में हिंसक टकराव हो गया, जिसमें भारत के एक अधिकारी और दो जवानों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि चीन के भी कुछ लोगों की मौत हुई है। लेकिन अभी संख्या के बारे में पता नहीं चला है। हिंसक टकराव होने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

सोमवार की रात को लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प होने की खबर है। इस घटना में भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हो गए। दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर चल रहे विवाद के कारण हाल के समय में तनाव बना हुआ है। एलएसी के कई स्थानों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने डटी हुई है। इसी तरह गलवान घाटी में दोनों ओर की सेनाओं के बीच कल रात हिंसक झड़प होने की खबर है।

चीन ने कराया विरोध दर्ज

Advertisement

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने भारत के साथ विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि हम भारत से सख्त मांग करते हैं कि समझौतों का पालन करे और अपने फ्रंटलाइन सैनिकों को रोके। उन्हें सीमा पार नहीं करनी चाहिए।

चीन का दावा-  दो बार 'सीमा' का उल्लंघन किया

गलवान घाटी में टकराव के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दावा किया कि भारतीय सैनिकों ने दो बार 'सीमा' का उल्लंघन किया, जिसके कारण हिंसक झड़प हुई। चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि भारत समस्या को और गंभीर न बनाए। चीन ने कहा कि भारतीय सैनिकों को हमारी सीमा का उल्लंघन करने या एकतरफा तौर पर किसी कार्रवाई से बचना चाहिए।

45 साल बाद पहली बार ऐसी घटना

संभवतः चीन से लगी सीमा पर 45 साल में पहली बार इस तरह की घटना हुई है। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में किए गए हमले में चार भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि हिंसक टकराव में चीन को नुकसान हआ है। लेकिन उसके कितने सैनिकों की मौत हुई है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच फायरिंग नहीं हुई है।

वरिष्ठ अधिकारी तनाव घटाने को वार्ता कर रहे

भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया कि गलवान घाटी में तनाव घटाने की प्रक्रिया के दौरान गत दिवस हिंसक झड़प हुई और कुछ जानें चली गईं। भारतीय सैन्य अधिकारी और दो जवानों की मौत हो गई। दोनों ओर से वरिष्ठ अधिकारी तनाव कम करने के लिए इस समय उसी स्थान पर बातचीत कर रहे हैं।

पैगोंग त्सो के निकट हिंसक झड़प होने के बाद पांच मई से दोनों ओर की सेनाएं बातचीत कर रही हैं। भारत द्वारा पैगोंग त्सो के निकट फिंगर एरिया में रणनीतिक रूप से अहमियत रखने वाली एक सड़क बनाए जाने और गलवान घाटी में धारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक अन्य सड़क के निर्माण का चीन कड़ा विरोध कर रहा है। इसी वजह से हाल में तनाव की स्थिति पैदा हुई। भारत के लिए फिंगर एरिया गश्त करने के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत ने सीमा क्षेत्र में चीन के विरोध के चलते किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को न रोकने का फैसला किया है।

पांच मई को हुआ था हिंसक टकराव 

पिछले सप्ताह चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि भारत और चीन बेहतर तरीके से स्थिति को संभाल रहे हैं और राजनयिक और सैन्य स्तर की वार्ताओं के दौरान बनी सहमति के अनुसार कदम उठाकर तनाव घटाने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सैन्य कमांडर स्तर की उपयोगी बातचीत के बाद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह टिप्पणी की थी। पिछले पांच और छह मई को भारत और चीन के 250 सैनिकों के बीच हिंसक टकराव होने के बाद दोनों पक्ष एक-दूसरे के सामने डटे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Army Officer, China, Violent Face-off, Ladakh, Galwan Valley
OUTLOOK 16 June, 2020
Advertisement