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20 August 2019

अयोध्या केसः मस्जिद बनाने के लिए मंदिर तोड़ा गया था, राम लला के अधिवक्ता ने कहा

सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई के दौरान राम लला विराजमान के अधिवक्ता ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआइ) की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि अयोध्या में विवादित स्थान पर मस्जिद का निर्माण करने के लिए हिंदू मंदिर तोड़ा गया था। राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मामले में राम लला विराजमान भी एक पक्षकार हैं।

एएसआइ रिपोर्ट में मगरमच्छ और कछुए की आकृतियों का उल्लेख

सीनियर एडवोकेट सी. एस. वैद्यनाथन ने देवा की ओर से पेश होकर अदालत को बताया कि एएसआइ की रिपोर्ट में मगरमच्छ और कछुए की आकृतियों का उल्लेख है। मुस्लिम संस्कृति में इन आकृतियों से कोई संबंध नहीं होता है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच के समक्ष केस की आठवें दिन हुई सुनवाई में अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।

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मंदिर होने का दावा साबित करने का अधिवक्ता का प्रयास

अधिवक्ता ने एएसआइ की रिपोर्ट के हवाले से अन्य पुरातात्विक सबूतों का भी उल्लेख किया और अपने दावे को पुष्ट करने का प्रयास किया कि विवादित स्थान पर हिंदू मंदिर स्थित था। इस केस की सुनवाई जिस बेंच में हो रही है, उसमें न्यायाधीश एस. एस. बोबडे, डी. वाई. चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस. ए. नजीर भी शामिल हैं।

हाई कोर्ट ने तीन हिस्सों में बांटी थी जमीन

राजनीतिक रूप से अत्यंत संवेदनशील यह विवाद अयोध्या में 2.77 एकड़ की जमीन को लेकर है। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांट दिया था। लेकिन हाई कोर्ट के इस फैसले से कोई भी पक्ष संतुष्ट नहीं था। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौतियां दी गईं। सुप्रीम कोर्ट में भी लंबे अरसे टलते रहे इस केस में अब रोजाना सुनवाई की जा रही है। इस समय राम लला विराजमान की ओर से उनके अधिवक्ता अपना पक्ष रख रहे हैं।

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TAGS: Ram Lalla, Ayodhya case, Temple, Ram Janmabhoomi, Babri Masjid
OUTLOOK 20 August, 2019
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