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31 October 2019

भीमा कोरेगांव केस के वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता की जासूसी कर रहा था इजरायली स्पाईवेयर

भारतीय पत्रकारों और एक्टिविस्ट की जासूसी को लेकर फेसबुक के इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने बड़ा खुलासा किया है। व्हाट्सएप ने बताया है कि इसी साल मई में इजराइली स्पाईवेयर पेगासस का उपयोग करके भारत के कई पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी। इसी के साथ यह भी खुलासा हुआ है कि इस शिकंजे में भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अलावा भीमा कोरेगांव केस से संबंधित कुछ वकील भी थे। शिकार हुए लोगों ने इस बात की पुष्टि की है साथ ही भारत सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।

हालांकि व्हाट्सएप ने पहचान या भारत में लक्षित लोगों की सही संख्या बताने से इनकार कर दिया। इन कार्यकर्ताओं को कनाडा स्थित साइबर सिक्योरिटी ग्रुप सिटिजन लैब ने अलर्ट किया था, जिसमें बताया गया था कि उन्हें स्नूप किया जा रहा है।

भीमा-कोरेगांव मामले के वकील ने क्या कहा?

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नागपुर के वकील निहाल सिंह राठौड़ भीमा कोरेगांव मामले के कई अभियुक्तों का मुकदमा लड़ रहे हैं। उन्होंने आउटलुक को बताया कि उनका संपर्क सिटीजन लैब के एक वरिष्ठ शोधकर्ता जॉन स्कॉट-रेलटन से था। राठौड़ ने कहा, "उन्होंने मुझे बताया कि मेरा फोन परिष्कृत स्पाईवेयर द्वारा लक्षित किया गया था, जिसके माध्यम से मेरे फोन को एक्सेस किया जा सकता है।"

भारत सरकार पर लगाए आरोप

राठौड़ ने कहा कि उन्हें सिटीजन लैब द्वारा बताया गया कि यह भारत सरकार थी जो उस पर नजर रख रही थी। "उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन सा विभाग या मंत्रालय मुझ पर जासूसी कर रहा है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह हमारी अपनी सरकार थी।"

लेकिन राठौड़ ने कहा कि यह केवल स्नूपिंग का सवाल नहीं था। उनका मानना है कि सरकार उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "वे मेरे सिस्टम में बढ़ती फ़ाइलों को डंप करने और मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।"

राठौड़ कहते हैं कि यह पहली बार नहीं है जब उन्हें मालवेयर का निशाना बनाया गया है। "2017 के बाद से, मुझे मेरे मामलों से जुड़ी अटैचमेंट के साथ संदिग्ध ईमेल मिल रहे हैं। जब मैं उन्हें खोलता था, तो कुछ भी नहीं दिखाई देता है।" उनका कहना है कि यह सरकार द्वारा मुझे फ्रेम करने और मेरी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए एक मामूली प्रक्रिया है।

राठौड़ वैश्विक स्तर पर कम से कम 1,400 लोगों में से हैं जिनके फोन उपकरणों को इस स्पाइवेयर द्वारा निशाना बनाया गया है। राठौड़ ने यह भी कहा कि उन्हें 2018 से अंतरराष्ट्रीय नंबरों से संदिग्ध व्हाट्सएप कॉल मिल रहे थे।

निशाने पर पत्रकार

वीऑन टीवी चैनल के राजनयिक और रक्षा संवाददाता, सिद्धनाथ सिब्बल ने आउटलुक से पुष्टि की कि वह भी स्पाइवेयर द्वारा  लक्षित थे। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ समय पहले व्हाट्सएप द्वारा संपर्क किया गया था और उन्होंने बताया कि उनके फोन से छेड़छाड़ की गई थी और उन्हें स्नूप किया जा रहा था।

आदिवासी अधिकार के लिए काम करने वालीं बेला भाठिया की भी जासूसी

न्यूजलॉन्ड्री समाचार वेबसाइट की एक रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की कार्यकर्ता बेला भाटिया के हवाले से कहा गया है कि उनसे सिटीजन लैब के एक शोधकर्ता ने संपर्क किया था जिसने बताया था कि इस साल मई-जून में उसके फोन को स्पाईवेयर के जरिए निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा, "यह मेरी जेब में एक जासूस को ले जाने जैसा था।"

आदिवासी अधिकारों के पैरोकार भाटिया को पहले भी धमकी मिली है और उन पर  नक्सल सहानुभूति का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ने उन्हें मैलवेयर की संभावना के बारे में अलर्ट किए जाने के बाद उनसे संपर्क किया था। उन्होंने मुझे सूचित किया कि यह भारत में कुछ कार्यकर्ताओं के साथ हुआ था और यह हमारी अपनी सरकार द्वारा किया गया था।

कैसे काम करता है स्पाईवेयर

किसी की निगरानी करने के लिए पेगासस ऑपरेटर एक खास लिंक तैयार करता है और उपयोगकर्ता से उस पर किसी भी तरह से क्लिक करवाता है। लिंक पर क्लिक करने के बाद ऑपरेटर को उपयोगकर्ता के फोन की सुरक्षा में सेंध लगाने का अधिकार मिल जाता है और वह पेगासस को बिना उपयोगकर्ता की मंजूरी और जानकारी के उसके फोन में इंस्टाल कर देता है।

फोन की सुरक्षा में सेंध लगने और पेगासस इंस्टाल होने के बाद ऑपरेटर लोकप्रिय मोबाइल मेसेजिंग एप्स के सहारे उपयोगकर्ता के पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट, कैलेंडर इवेंट्स, टेक्स्ट मैसेजेज और लाइव वॉयस कॉल की जानकारी हासिल कर सकता है। 

डरावना हिस्सा: ऑपरेटर फोन के कैमरे और माइक्रोफोन को फोन के आसपास के क्षेत्र में गतिविधि को पकड़ने के लिए भी चालू कर सकता है।

सरकार ने इस मुद्दे पर व्हाट्सएप से विस्तृत जवाब मांगा है और उसे 4 नवंबर तक अपना जवाब देने को कहा है।

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TAGS: Bhima Koregaon Case, Lawyer, Adivasi Rights Activist, Snooped, Israeli Spyware, whatsapp
OUTLOOK 31 October, 2019
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