गैस पीड़ितो ने लिखा PM को पत्र, पूछा- ‘फैक्टरी का कचरा स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा क्यों नहीं?’
भोपाल गैस त्रासदी की 33वीं बरसी पर गैस पीड़ितो और उनके बीच काम कर रहे संगठनो- भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन और भोपाल गैस पीड़ित सहयोग संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। संगठनों ने पूछा है कि यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड की कीटनाशक फैक्टरी का कचरा आखिर क्यों उनके स्वच्छ भारत अभियान का एक अहम हिस्सा नहीं बन पाया है।
अपने पत्र के द्वारा संगठनो का कहना है कि, "हालांकि आपने स्वच्छ भारत अभियान में ऊर्जा डालने की जरूरत को रेखांकित करने का प्रयास किया है, परन्तु यह बात समझ से परे है कि भोपाल स्थित तत्कालीन यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड कीकीटनाशक फैक्टरी के आसपास के गम्भीर रूप से जहर प्रभावित इलाकों के सफाई का काम आज तक इस अभियान का एक अहम हिस्सा क्यों नहीं बन पाया है।"
संगठनो का कहना है यदि प्रधानमंत्री चाहे तो अधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोग्राम (यूनाइटेडनेशन्स एन्वायरन्मेंड प्रोग्राम- UNEP) से जरूरी तकनीकी सहायता लेते हुए दूषित पर्यावरण (जिसमें 1,10,000 टन दूषित मृदा भी शामिल है) के उपचार केलिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दें सकते है। संगठनो की सोच है कि इस सफाई और उपचार का खर्च निश्चित तौर पर डाव केमीकल कम्पनी से वसूल की जानी चाहिए।
संगठनो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र मे कहा, "यह उस यूनियन कार्बाइड कम्पनी (UCC) के मौजूदा मालिक हैं जो 1969 में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के गठन और 1984 तक उसका संचालन के लिए जिम्मेदार थी।"