बीएचयू के वीसी बोले, 'अगर हम हर लड़की की सुनने लगें तो विश्वविद्यालय नहीं चला पाएंगे'
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने दावा किया है कि बीएचयू में हुए बवाल के पीछे "बाहरी लोगों" का हाथ है।
इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'अगर हम हर लड़की की सुनने लगें तो हम विश्वविद्यालय नहीं चला पाएंगे।'
प्रोफेसर त्रिपाठी ने यह भी कहा कि परिसर में पर्याप्त सुरक्षा के उपाय हैं। फिर भी लड़कों और लड़कियों की सुरक्षा कभी भी समान नहीं हो सकती। लड़कियों के लिए बाहर निकलने का समय रात 8 बजे तक है और लड़कों के लिए रात 10 बजे लेकिन यह दोनों की सुरक्षा के लिए है। अगर हम हर लड़की की हर मांग को सुनेंगे तो हम विश्वविद्यालय को चलाने में सक्षम नहीं होंगे। ये सभी नियम उनकी सुरक्षा के लिए हैं। सभी छात्राओं के पक्ष में हैं।'
'प्रधानमंत्री आने वाले थे, इसलिए ये सब कराया गया'
वीसी ने कहा, यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसको लेकर बहुत उदास हूं, लेकिन कभी-कभी मुद्दे होते हैं और कुछ मुद्दे पैदा किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा बनाया गया था। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को बाहरी लोगों द्वारा पैदा किया गया था।'
उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री आने वाले थे इसलिए मुझे लगता है कि ये सब कराया गया है।' उन्होंने कहा कि इस मुद्दे ने जो आकार लिया, वह प्रारंभिक घटना से भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है।"
उन्होंने परिसर में छात्राओं पर हुई लाठीचार्ज की घटना का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी छात्रा पर लाठीचार्ज नहीं हुआ है। कार्रवाई उन पर की गई जो विश्वविद्यालय की सम्पत्ति को आग लगा रहे थे, पेट्रोल बम फेंक रहे थे, पत्थरबाजी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ऐसे अपराधी तत्वों को कैंपस से बाहर करने के लिए ही बल प्रयोग किया। किसी छात्रा पर कोई लाठी नहीं चलाई।
'अराजक तत्वों ने आगजनी और पत्थरबाजी की'
वीसी ने कहा कि 23 सितम्बर की रात को जब वे छात्राओं से मिलने त्रिवेणी छात्रावास जा रहा थे उस समय अराजक तत्वों ने उन्हें रोककर आगजनी एवं पत्थरबाजी शुरु कर दी। इसी क्रम में कुलपति आवास पर भी पत्थरबाजी कर अराजकता फैलाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि सिंह द्वार पर धरने की आड़ में मालवीय जी की प्रतिमा पर कालिख डालने का कुछ अराजक तत्वों ने प्रयास किया है। यह कृत्य राष्ट्र द्रोह से कम नहीं है।
बता दें कि पिछले दिनों छेड़खानी की घटना के खिलाफ लड़कियां बीएचयू परिसर में प्रदर्शन कर रही थीं। गेट पर हंगामा हुआ। पुलिस ने उन पर बेरहमी से लाठी चार्ज किया, जिसकी चौतरफा आलोचना हो रही है। इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की।