जन्मदिन: दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले शुरुआत में बल्लेबाज बनना चाहते थे
17 अक्टूबर को क्रिकेट की दुनिया के दिग्गज गेंदबाजों में शामिल अनिल कुंबले अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। टीम इंडिया के कई दिग्गजों ने अपने इस साथी खिलाड़ी को अपने अपने तरीके से शुभकामनाएं दीं। इसमें पूर्व खिलाड़ियों के अलावा इस समय टीम इंडिया में खेल रहे रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
इसके अलावा पूर्व खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण जैसे क्रिकेटरों ने भी अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से अनिल कुंबले को जन्मदिन की बधाइयां दीं. इनके अलावा सुरेश रैना, विनय कुमार, मोहम्मद कैफ, हरभजन सिंह ने भी अपने इस साथी को जन्मदिन की बधाई दी।
लेकिन इन बधाई देने वालों के बीच में कप्तान विराट कोहली का नाम नहीं था। इसके पीछे अनिल कुंबले और विराट कोहली के बीच पिछले दिनों चर्चित रहे झगड़े को भी एक कारण माना जा रहा है।
कोच और कप्तान का चर्चित झगड़ा
दरअसल जब कुंबले ने टीम इंडिया के कोच पद का जिम्मा संभाला था, उस समय कोहली ने उनका स्वागत करते हुए ट्वीट किया था लेकिन जैसे इस विवाद के बाद कुंबले ने इस्तीफा दिया, कोहली ने इस अपने वेलकम ट्वीट को भी ट्विटर से डिलीट कर दिया।
हालांकि इसके बाद कई बातें सामने आईं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कोहली और कुंबले में विवाद की शुरुआत इस साल के मार्च में हुई। उस समय ऑस्ट्रेलिया भारत के दौरे पर था। टेस्ट सीरीज का मैच धर्मशाला में हुआ था। चोट के कारण विराट कोहली इस मैच का हिस्सा नहीं थे। टीम की जिम्मेदारी अजिंक्य रहाणे पर थी। इस मैच में कुंबले के कहने पर गेंदबाज कुलदीप यादव को मौका मिला लेकिन कोहली चाहते थे कि मैच में अमित मिश्रा को खिलाया जाए।
विवाद की शुरुआत भी यहीं से हुई। इसके अलावा कोहली उस समय धोनी को ए ग्रेड में शामिल करने से भी खफा थे लेकिन कुंबले की राय इस मुद्दे पर भी उनसे अलग थी। इसके अलावा जो सबसे बड़ी वजह थी, वह था टीम का अनुशासन। कुंबले प्रैक्टिस के दौरान कड़ा अनुशासन चाहते थे। जबकि युवाओं से लैस टीम इंडिया के खिलाड़ी आजादी चाहते थे। कोच और कप्तान के बीच का यह झगड़ा काफी दु:खद था।
अनिल कुंबले के बारे में
कुंबले का जन्म 17 अक्टूबर 1970 को बेंगलुरु में हुआ था। बेहद सटीक गेंदबाजी शुरू से ही उनकी खासियत रही। कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में 29.65 के एवरेज से 619 विकेट और वनडे में 30.9 के औसत से 337 विकेट हासिल किए। उन्होंने कोई टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला। रोचक बात ये है कि शुरू में वह बल्लेबाज बनना चाहते थे लेकिन उनका झुकाव गेंदबाजी की तरफ हो गया।
कुंबले ने अपने टेस्ट करियर का आगाज अगस्त 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्डट्रेफर्ड में खेला था। इस मैच की पहली पारी में उन्होंने तीन विकेट झटके थे। दूसरी पारी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था।
अपने वनडे करियर का आगाज उन्होंने अप्रैल 1990 में शारजाह में श्रीलंका के खिलाफ किया था। मैच में उन्हें एक विकेट हासिल हुआ था।
कुंबले लोगों की नजर में तब आए जब उन्होंने 1992-93 में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए तीन टेस्ट में 21 विकेट ले लिए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मात्र चार टेस्ट मैचों में उन्होंने 43 विकेट ले डाले। इसके अलावा पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट का रिकॉर्ड भी कुंबले ने अपने नाम किया।
विदेशों में भी कुंबले खूब चले। 2002 में उन्होंने हैडिंग्ले में मिली भारत की जीत में मुख्य भूमिका निभाते हुए सात विकेट लेकर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में छह विकेट लेकर अपनी टीम को जीत दिलाई।
अनिल ने अपना आखिरी टेस्ट मैच अक्टूबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में खेला था। मैच की पहली पारी में उन्होंने तीन विकेट हासिल किए थे। करियर का आखिरी वनडे मैच उन्होंने बरमुडा के खिलाफ वेस्टइंडीज के क्वींस पार्क ओवल मैदान (वर्ल्डकप 2007) में खेला था। इस मैच में उन्होंने 38 रन देकर तीन विकेट लिए थे। वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण 12 रन देकर छह विकेट रहा।