बोले जयराम रमेश, धर्म में गहरी रूचि रखने के कारण इंदिरा पर भाजपा नरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रति भाजपा का रवैया उनके पिता जवाहरलाल नेहरू की तुलना में अधिक मित्रवत है। इसका कारण उपनिषद और वेदों में इंदिरा की गहरी रूचि थी। मुंबई में रविवार को टाटा लिटफेस्ट में “रिमेंबरिंग इंदिरा कमेमोरेटिंग सेंटेनरी” विषय पर बोलते हुए रमेश ने कहा कि इंदिरा अपने भाषणों में प्राचीन ग्रंथों को काफी उद्धृत करती थीं। नेहरू भी ऐसा करते थे, लेकिन वह अपनी धार्मिकता के सार्वजनिक प्रदर्शन के प्रति सतर्क रहते थे।
रमेश ने कहा,‘‘आपने मुझसे सवाल पूछा-भाजपा इंदिरा गांधी के प्रति नेहरू की तुलना में क्यों अधिक मित्रवत है। इसके पीछे दो कारण हैं। एक तो 1971 में जो उन्होंने किया। उन्होंने पाकिस्तान का विघटन कर दिया जिसके बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ और दूसरा वह सार्वजनिक रूप से इस तथ्य को दिखाने की इच्छुक थीं कि वह उपनिषदों, ऋग्वेद में गहरी रूचि लेती हैं। अपने हर भाषण में वह अथर्ववेद या आरण्यक उपनिषद को उद्धृत करती थीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘1972 में स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सम्मेलन में उन्होंने अथर्ववेद को उद्धृत करते हुए अपना सर्वाधिक प्रसिद्ध भाषण पूरा किया था। वह हमेशा संस्कृत के कुछ श्लोकों को उद्धृत करती थीं।’’
इसी कार्यक्रम में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पी चिदंबरम भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इंदिरा गांधी की 100वीं जयंती नहीं मनाना शर्मनाक है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आर्थिक नीतियों में नाकाम रहे हैं और इसलिए वह खुद को गरीबों का मसीहा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी अन्य प्रधानमंत्री की तरह इंदिरा गांधी का भी इस परिप्रेक्ष्य में आंकलन होना चाहिए कि वह प्रधानमंत्री थी और इस पद पर रहते हुए उन्होंने किन चुनौतियों का सामना किया और क्या किया। चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि देश अपनी एकमात्र महिला प्रधानमंत्री की जन्मशती नहीं मना रहा। भारत सरकार उनकी जन्मशती नहीं मना रही है। मैं नहीं जानता कि किस राज्य सरकार ने उनकी जन्मशती मनाई है।’’