कौन हैं विनोद राय, जिन पर कांग्रेस माफी मांगने का दबाव बना रही है
बहुचर्चित 2G स्पेक्ट्रम केस में सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी को बरी किए जाने के बाद इस फैसले के बाद राजनीति तेज हो गई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
सियासी बयानबाजी में विनोद राय का नाम भी आ रहा है। कांग्रेस की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने विनोद राय से माफी मांगने को कहा है।
कपिल सिब्बल ने कहा, ''आज मेरी बात सिद्ध हो गई, कोई भ्रष्टाचार नहीं, कोई घाटा नहीं। अगर स्कैम है तो झूठ का स्कैम है, विपक्ष और विनोद राय के झूठ का। विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए।''
कौन हैं विनोद राय?
साल 2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन किया गया। इस आवंटन पर 2010 में पहली बार सवाल तब उठा जब देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी एक रिपोर्ट में इस स्पेक्ट्रम आवंटन से केन्द्र सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचने की बात कही गई।
विनोद राय ही वह शख्स थे, जिन्होंने नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के अध्यक्ष पद पर रहते हुए 2G घोटाले को उजागर किया था। इसके तहत विनोद राय ने देश का 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही थी। विनोद राय 2013 में सीएजी पद से रिटायर हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में उन्हें बीसीसीआई की प्रशासक समिति (सीओए) का प्रमुख नियुक्त किया था।
विनोद राय का जन्म 23 मई 1948 को हुआ। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से अर्थशास्त्र में एमए हैं। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर किया है।
देश के 11वें सीएजी
विनोद राय भारत के 11वें नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) के अध्यक्ष पद पर रहे। उन्होंने जनवरी 2008 में इस पद को संभाला और मई 2013 तक इस पद पर रहे।
प्रशासनिक बैकग्राउंड
विनोद राय 1972 बैच के केरला कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने थ्रिसूर जिले में सब-कलेक्टर के तौर पर अपना करियर शुरू किया। बाद में वो थ्रिसूर जिले में आठ साल कलेक्टर रहे। बाद में विनोद राय 1977 से 1980 के बीच केरल राज्य को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी रहे। इसके बाद उन्हें केरल राज्य का मुख्य सचिव (वित्त) नियुक्त किया गया।
कई अहम पदों पर काम करते हुए सीएजी के पद तक पहुंचे। फरवरी 2016 में विनोद राय को बैंक बोर्ड ब्यूरो का चेयरमैन बनाया गया। विनोद राय को मार्च 2016 में पद्म भूषण अवॉर्ड से नवाजा गया था।