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01 February 2018

50 करोड़ लोगों को ₹5 लाख तक कैशलेस इलाज, बजट की 6 बड़ी बातें जो लोगों से सीधे जुड़ी हैं

साल 2018-19 के लिए बजट पेश कर दिया गया है। बजट प्रस्तुत होने के बाद इसके विश्लेषण का दौर भी शुरू हो गया। सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए कई नए ऐलान किए तो कुछ पुरानी योजनाओं के मद में बढ़ोतरी करने की घोषणा भी की।

इस सरकार के आखिरी बजट होने की वजह से आम जनता ने काफी उम्मीदें जताई थी। आइए जानते हैं कि गरीब, किसान, महिलाएं, आदिवासी, ग्रामीण भारत के लिए इस बजट में क्या खास बाते हैं-  

-इस बजट में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का ऐलान किया गया। इसके तहत अब देश के 50 करोड़ लोगों को इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक कैशलेस सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा टीबी मरीजों को हर महीने 500 रुपए की मदद भी दी जाएगी।

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-भाजपा सरकार की उज्जवला योजना के लक्ष्य में इजाफा किया गया है। अब उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। अब तक पांच लाख गैस कनेक्शन बांटे जा चुके हैं।

-सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। सरकार इस योजना पर 16 हजार करोड़ खर्च करेगी।

- वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 1 करोड़ आवास के निर्माण का ऐलान किया है। सरकार एक साल में 51 लाख ग्रामीण गरीबों को घर देगी। सरकार का कहना है कि 2022 तक हर किसी को घर मुहैया कराएंगे। 

-वरिष्ठ नागरिकों को अब पचास हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। वरिष्ठ नागरिकों को डिपॉजिट पर राहत देते हुए 10 से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर डिडक्शन की लिमिट को 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है। इसके तहत अब हर वरिष्ठ नागरिक को को 50 हजार रूपए सालाना डिडक्शन क्लेम करने का फायदा मिलेगा। इसके साथ ही बजट में कुछ गंभीर बीमारियों के केस में डिडक्शन लिमिट 1 लाख कर दी है। 

- नवोदय विद्यालय की तर्ज पर अब आदिवासी इलाकों में ‘एकलव्य विद्यालय’ खोलने का ऐलान किया गया है।

-अनुसूचित जातियों के लिए 56 हजार करोड़ का फंड और आदिवासियों के लिए 39,135 करोड़ के फंड का ऐलान

-नेशनल रूरल लिवली हुड मिशन के लिए बजट में 5750 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया। महिलाओं के स्व सहायता समूहों के लिए ऋण मार्च 2019 तक 75 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया जाएगा। फॉर्मल सेक्टर जॉब्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ईपीएफ में महिलाओं की हिस्सेदारी पहले तीन सालों के लिए घटाकर 8% कर दी गई।

-सोशियो-इकोनॉमिक कॉस्ट सेंसस के मुताबिक, सरकार हर बुजुर्ग, विधवा, अनाथ बच्चे, वंचितों तक सरकार पहुंचने की कोशिश करेगी। इस साल नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम के तहत 9,975 करोड़ रुपए के बजट का एलान किया गया।

 

 

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TAGS: Cashless treatment, 50 million people, up to Rs 5 lakh, five big point, budget, directly related to people
OUTLOOK 01 February, 2018
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