गुरमीत को जेल में कथित वीआईपी ट्रीटमेंट पर कोर्ट ने लगाई राज्य सरकार को फटकार
सोमवार को सीबीआई कोर्ट ने 15 साल पुराने रेप मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दो अलग-अलग मामलों में 10-10 साल यानी 20 साल की सजा सुनाई।
तमाम बातों समेत कोर्ट ने इस बात का भी संज्ञान लिया जिसमें कहा गया था कि गुरमीत राम रहीम को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है। हालांकि डीजी (जेल) ने इस बात को खारिज किया था। कोर्ट ने इस बात के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई।
बता दें कि 25 अगस्त को मामले में दोषी पाए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम को हेलीकॉप्टर से रोहतक जेल ले जाया गया था। यहां उसे कैदी नंबर 1997 का नाम मिला। खबरों के मुताबिक, गुरमीत को रात भर नींद नहीं आई। इसी बीच कहा गया कि उसे वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है। उसके कमरे में एसी लगा हुआ है। इस बात से डीजी (जेल) ने इनकार किया था।
सोमवार को कोर्ट में क्या-क्या हुआ
- सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस जगदीप सिंह ने सीबीआई और बचाव पक्ष को अपनी बात रखने के लिए 10-10 मिनट का वक्त दिया।
- सीबीआई ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर बताते हुए उम्रकैद की सजा की मांग की।
- सीबीआई के वकील ने राम रहीम को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की क्योंकि जिस वक्त दुष्कर्म हुआ उस वक्त साध्वी नाबालिग थी।
- बचाव पक्ष ने नरमी की मांग करते हुए तर्क दिया कि राम रहीम सामाजिक कार्य करते हैं। अनाथ बच्चों की परवरिश करते हैं, स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा ले चुके हैं आदि।
- बचाव पक्ष ने राम रहीम के सेहत का हवाला देते हुए कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती इसलिए नरमी बरती जाए।
- दोनों पक्षों की बहस के दौरान राम रहीम चुपचाप हाथ जोड़े खड़े रहे।
- जस्टिस जगदीप के फैसला सुनाने के बाद गुरमीत राम रहीम रोने लगे और रहम की भीख मांगने लगे।