चारा घोटाला: लालू यादव की सजा पर फैसला आज भी टला, अब शुक्रवार को होगा ऐलान
चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सजा पर सुनवाई आज फिर टल गई।राजद प्रमुख की सजा पर गुरुवार को भी कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। अब शुक्रवार को रांची की विशेष सीबीआई अदालत इस मामले में लालू को सजा सुनाएगी।
Ranchi Special CBI Court to pronounce quantum of sentence for Lalu Prasad Yadav in #FodderScam case tomorrow. pic.twitter.com/t57qQawQSO
— ANI (@ANI) January 4, 2018
आज क्यों टली सजा
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की कोर्ट में आज दिन में 11 बजे चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी 16 लोगों की सजा की अवधि पर बहस प्रारंभ होनी थी, लेकिन कोर्ट ने कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद इसके लिए दोपहर बाद 2 बजे का समय तय किया। इसके चलते सुरक्षा कारणों के मद्देनजर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को होतवार स्थित बिरसा मुंडा जेल से दोपहर 1.45 मिनट पर सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया।
लालू के साथ इस मामले के सभी 16 अभिुक्तों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां सभी की सजा की अवधि पर उनके वकीलों ने बहस की। बहरहाल, कोर्ट के वर्णक्रमानुसार अभियुक्तों की सजा पर बहस सुनने के फैसले के चलते लालू की सजा की अवधि पर बहस प्रारंभ नहीं हो सकी। उन्हें कोर्ट ने 2.45 बजे के लगभग वापस न्यायिक हिरासत मे जेल भेजने के निर्देश दे दिए।
दरअसल, लालू की सजा पर फैसला अदालत बुधवार को ही करने वाली थी, लेकिन वकील विंदेश्वरी प्रसाद के निधन के बाद सजा पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी गई। ऐसे में लालू समेत सभी अभियुक्तों को वापस न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया।
वहीं, लालू यादव को दोषी करार दिए जाने के फैसले पर टिप्पणी करने के लिए तेजस्वी यादव, रघुवंश प्रताप सिंह और राजद प्रवक्ता मनोज झा को कोर्ट की ओर से अवमानना का दोषी ठहराते हुए नोटिस जारी किया गया है। कोर्ट ने 23 जनवरी को तीनों दोषियों को पेशी के लिए बुलाया है।
बहुचर्चित चारा घोटाला मामला 1990-1994 के बीच देवघर के सरकारी कोषागार से 89.27 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है, जिसमें सीबीआई जज ने 22 आरोपियों में से लालू यादव समेत 16 लोगों को दोषी करार दिया था।
हालांकि, लालू और उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें समेत दूसरे राजनीतिक लोगों को बीजेपी ने साजिश के तहत फंसाया है। लालू के परिवार ने अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। गौरतलब है कि साल 2013 में भी अदालत ने लालू को चाईबासा कोषागार से 37.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का दोषी पाया था। तब लालू प्रसाद यादव को पांच साल जेल की सजा हुई थी और 25 लाख रुपये जुर्माना लगा था।