Advertisement
03 June 2016

संविधान को बदल डालने की जरूरत - राम बहादुर राय

उन्होंने कहा कि आज की तारीख में न तो भाजपा और न ही कांग्रेस ने संविधान बदलने की बात उठाई है। यह जरूर है कि इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी के दौरान स्वर्ण सिंह कमेटी बनाई थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही बात लें, संविधान में उनको जो दर्जा मिला है, उसमें बदलाव की कोई जरूरत ही नहीं है। अगर कोई जरूरत बनती भी है तो उन्हें दो या एक बदलाव करने होंगे और उनका काम हो जाएगा।

वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महासचिव रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की रचना में बी. आर. अंबेडकर का रोल सीमित था। उन्हें बी. एन. राउ ने जो भी सामग्री दी थी, उसकी भाषा उन्होंने ठीक की थी। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि अगर संविधान को आग लगा दी जाती है तो ऐसा करने वाला मैं पहले व्यक्ति होउंगा। उनका रोल एक मिथक है, मिथक है, मिथक है। उनके अनुसार, हमारा संविधान संघवाद को बढ़ावा नहीं देता। बल्कि, इसके जरिए धीरे-धीरे हमारे यहां सरकार की प्रधानमंत्री प्रणाली विकसित हो गई है। कैबिनेट प्रणाली में मंत्रियों को स्वायत्तता दी गई है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री की मंजूरी के बगैर मंत्रियों को कुछ भी करने की छूट होती है। संविधान में अब तक सौ से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं और हम यह नहीं कह सकते कि आगे संशोधन नहीं होंगे। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: पत्रकार, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, अध्यक्ष, राम बहादुर राय, नए संविधान, जरूरत, आउटलुक, बातचीत, संविधान
OUTLOOK 03 June, 2016
Advertisement