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22 September 2017

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा रोकें राज्य, पीड़ितों को मिले मुआवजा

गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए इसके लिए सीधे तौर पर राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है। कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए राज्यों को 31 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। वहीं, कोर्ट ने राज्यों को एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अफसर नियुक्त करने का आदेश देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें हिंसा करने वाले गौरक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करें।

इस मामले में गुजरात, राजस्थान, झारखंड, कर्नाटक और उत्‍त्तर प्रदेश ने सुनवाई के दौरान आज अपनी रिपोर्ट कोर्ट को दे दी है। वहीं, कोर्ट ने बाकी राज्यों को भी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि गौरक्षकों द्वारा की गई किसी भी तरह की गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

साथ ही, पहलू खान की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की भी जरूरत है। सभी राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे गोरक्षा के नाम पर हुई हिंसा के पीड़ितों को मुआवाजा दें। 

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इससे पहले भी गौरक्षकों के हाथों हो रही हिंसा पर नियंत्रण न लगने की वजह से सुप्रीम कोर्ट अपनी नाराजगी जता चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा था कि वो हर जिले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी को बतौर नोडल ऑफिसर तैनात करें, जिनकी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके जिले में गौरक्षक समूह गायों की रक्षा के नाम पर कानून को अपने हाथों में न लें।

बता दें कि इस साल अप्रैल में कथित गोरक्षकों ने पहलू खन की पीटकर हत्या कर दी थी। पहलू अपने बेटों के साथ मवेशियों को हरियाणा के नूह से राजस्थान के जयपुर ले जा रहे थे। 

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TAGS: Cow vigilantism matter, Supreme Court, compliance report, states
OUTLOOK 22 September, 2017
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