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02 April 2018

SC-ST एक्ट में बदलाव के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन जारी, 9 की मौत, कई घायल

ANI

एससी/एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों का 'भारत बंद' उग्र होता जा रहा है। भारत बंद के इस आयोजन के दौरान पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, गुजरात, ओड़िशा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आगजनी, तोड़फोड़, झड़पों की खबर आ रही है। इस दौरान 9 लोगों की मौत हो गई है।

मध्य प्रदेश में 6 लोगों के मारे जाने की खबर है। मुरैना में एक, ग्वालियर में तीन और भिंड में एक व्यक्ति की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हुई है और तीन गंभीर रूप से घायल हैं। यूपी के डीआईजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने बताया कि कई लोग सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहे हैं। हमने 448 लोगों को गिरफ्तार किया है। 90 फीसदी इलाकों में शांति है। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

वहीं, राजस्थान में भी एक व्यक्ति की मौत की खबर है। राजस्थान के डीजीपी ने बताया कि इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई हैं और कई जिलों में धारा-144 लागू है। 

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हिंसा के बीच केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की है। लेकिन देश भर में हो रहे प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में काफी तादात में घायल होने की बात कही जा रहा है। 

दरअसल, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट का गलत उपयोग होने पर चिंता जाहिर करते हुए इसमें कुछ परिवर्तन किए थे। कोर्ट के इस निर्णय पर दलित संगठन कानून को कमजोर करने का दावा कर रहे हैं और इसके विरोध में देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।

LIVE अपडेट्स

- राजस्थान में एक व्यक्ति की मौत, कई जिलों में धारा-144 लागू

- उत्तर प्रदेश में एक की मौत, 3 गंभीर रूप से घायल

- मध्य प्रदेश में चार की मौत


-ग्वालियर में 19 घायल, 2 गंभीर



-प्रदर्शन के दौरान मुरैना में एक की मौत, कर्फ्यू

-आजमगढ़ और मुजफ्फरनगर में गाड़ियों को किया आग के हवाले


 

मेरठ में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज


-रांची में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प


-बाड़मेर में प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियां फूंकी


ओडिशा के संभलपुर और बिहार के अररिया में प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताते हुए ट्रेनें रोक दी हैं।


पंजाब में बस और मोबाइल सेवाएं ठप्प

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विरोध के देखते हुए पंजाब सरकार ने बस और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रखने का आदेश दिया है जबकि सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों को किसी भी परिस्थिति के लिये तैयार रहने के लिये कहा गया है।

स्कूल बंद रहेंगे और बसें भी सड़कों पर नहीं चलेंगी

पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर लगाम लगाने के मद्देनजर रविवार शाम पांच बजे से सोमवार रात 11 बजे तक राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।

प्रवक्ता ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये कल पूरे राज्य में बंद के दौरान सार्वजनिक एवं निजी परिवहन की सेवाएं निलंबित रहेंगी। बैंक भी बंद रहेंगे।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के शीर्ष पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद ये आदेश जारी किये गये।

इसके बाद एक वीडियो कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गयी जिनमें मुख्य सचिव, उपायुक्त एवं सभी जिलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

सुरक्षा बलों ने आज एहतियात के तौर पर राज्य के कुछ हिस्सों में फ्लैग मार्च निकाला। सरकार ने तीन अप्रैल तक कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य के लोगों खासकर अनुसूचित जाति के सदस्यों से संयम बरतने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

सरकार ने की पुनर्विचार याचिका दाखिल

एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर दलित संगठन का आज देशव्यापी प्रदर्शन चल रहा है।  इस बीच केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। 


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस एक्ट के तहत कानून का दुरुपयोग हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी न किए जाने का आदेश दिया। इसके अलावा इसके तहत दर्ज होने वाले मामलों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस को सात दिन के भीतर जांच करनी चाहिए और फिर आगे एक्शन लेना चाहिए। अगर अभियुक्त सरकारी कर्मचारी है तो उसकी गिरफ्तारी के लिए उसे नियुक्त करने वाले अधिकारी की सहमति जरूरी होगी। उन्हें यह लिख कर देना होगा कि उनकी गिरफ्तारी क्यों हो रही है। अगर अभियुक्त सरकारी कर्मचारी नहीं है तो गिरफ्तारी के लिए एसएसपी की सहमति जरूरी होगी। दरअसल, इससे पहले ऐसे मामले में सीधे गिरफ्तारी हो जाती थी।

 

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TAGS: Dalit groups, bharat band, supreme court, order, sc st atrocities
OUTLOOK 02 April, 2018
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