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08 June 2015

बलात्कार पीड़िता की 'टू फिंगर जांच' से दिल्ली सरकार पीछे हटी

आउटलुक

इससे पहले सरकार के स्वास्‍थ्य मंत्री की ओर से दिल्ली के सभी अस्पतालों को इस जांच संबधी कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए थे ताकि यौन उत्पीड़न की शिकार किसी महिला के साथ अन्याय न होने पाए। लेकिन अब सरकार ने आनन-फानन में ये दिशा-निर्देश वापस लेते हुए इन्हें जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है।

सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना कर रही भारतीय जनता पार्टी का कहना था कि दिल्ली सरकार ने ‘टू फिंगर जांच’ आदेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। चौतरफा हमले झेलते हुए दिल्ली सरकार ने कहा कि स्वास्‍थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी की गलती के कारण यह आदेश जारी हो गया है। उस अधिकारी को शीघ्र निलंबित कर दिया जाएगा। ‘टू फिंगर जांच’ के तहत प‌ीड़ित महिला के प्राइवेट पार्ट में डॉक्टर दो अंगुलियां डालकर पता करता है कि महिला की यौन इच्छा कितनी बची है। ज्यादातर देशों ने इसे घिसी-पिटी, अवैज्ञानिक और निजता के उल्लंघन की प्रक्रिया मानकर इसे खारिज कर दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गलत करार दिया है।

डॉक्टरों की तीन सदस्यीय समिति ने 31 मई को इस ‘पर वैजिनल टेस्ट’ पर दिशा-निर्देश दिया था कि चिकित्सकों को यौन शोषण की शिकार महिला के प्राइवेट पार्ट की अंदरूनी जांच की इस अनिवार्य प्रक्रिया पर पूर्ण पाबंदी का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। समिति का यह भी कहना था कि इस जांच को लेकर यह अवधारणा भी गलत है कि इससे किसी महिला की यौनिकता या यौन इच्छा की पहचान हो सकती है। डॉक्टरों का भी कहना है कि यह जांच तभी होनी चाहिए जब यौन उत्पीड़न की शिकार महिला का रक्तस्राव हो रहा हो या किसी और तरह का स्राव हो रहा हो। अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने जल्दबाजी में इसे वापस ले लिया है ताकि और ज्यादा राजनीतिक विरोध न झेलना पड़े।

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TAGS: AAP, Health Ministry, Rape Victims, Two Fingers test, बलात्कार पीड़ित, टू फिंगर टेस्ट, राजनीतिक विरोध
OUTLOOK 08 June, 2015
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