दिल्ली मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा के प्रस्ताव को श्रीधरन ने दिखाई लाल झंडी
मेट्रो मैन के रूप में मशहूर ई. श्रीधरन ने महिलाओं को दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने के दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति की है। उन्होंने इस प्रस्ताव को चुनावी चाल करार देते हुए दिल्ली सरकार से अपील की है कि चुनावी फायदा पाने के लिए इस बेहतरीन और सफल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बर्बाद नहीं किया जाए।
भीड़ बढ़ने से स्थिति खराब होगी
दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख श्रीधरन ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को लिखे पत्र में कहा है कि मुफ्त यात्रा शुरू होने से अत्यधिक भीड़ बढ़ेगी और स्थिति खराब हो जाएगी। इससे दुर्घटनाओं को न्यौता मिलेगा।
छात्र, दिव्यांग और बुजुर्गों का क्या होगा
श्रीधरन ने सिसोदिया को 20 जून को यह पत्र भेजा था। इससे पहले सिसोदिया ने उन्हें पत्र लिखकर आप सरकार की योजना का विरोध किए जाने पर आश्चर्य जताया था। श्रीधरन ने अपने पत्र में लिखा कि वह महिलाओं की मुफ्त यात्रा खर्च उठाने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें आपत्ति सिर्फ मेट्रो में मुफ्त यात्रा के कांसेप्ट पर है। अगर हम महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की अनुमति देते हैं तो फिर छात्र, दिव्यांग व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों का क्या होगा।
दुनिया में कहीं भी ऐसी सुविधा नहीं
श्रीधरन जो दिल्ली मेट्रो के मुख्य सलाहकार भी हैं, ने कहा कि पूरी दुनिया में कहीं भी महिलाओं को मुफ्त यात्रा की विशिष्ट सुविधा नहीं दी गई है। दिल्ली सरकार की ओर से डीएमआरसी को भी क्षतिपूर्ति के लिए धनराशि दी जाएगी, वह करदाताओं का पैसा होगा। करदाताओं को यह सवाल करने का पूरा अधिकार है कि सिर्फ महिलाओं को ही मुफ्त यात्रा की सुविधा क्यों दी गई।
चुनावी फायदे के लिए बर्बाद न करें मेट्रो
उन्होंने पत्र में आरोप लगाया कि हर कोई जानता है कि अगले विधानसभा चुनाव में महिलाओं का वोट पाने के लिए यह चुनावी चाल है। उनकी आपत्ति समाज के किसी भी वर्ग को मुफ्त यात्रा की अनुमति देने पर है। इसलिए दिल्ली सरकार से उनकी अपील है कि वह चुनावी फायदे के लिए दिल्ली मेट्रो जैसी बेहतरीन और सफल परिवहन व्यवस्था को बर्बाद न करे।
पीएम से की थी सहमति न देने की अपील
सिसोदिया ने अपने पत्र में दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख से कहा था कि वे अपने रुख पर पुनर्विचार करें और आप सरकार की योजना को प्रगतिशील कदम मानकर आशीर्वाद दें। आप सरकार की योजना का विरोध करने से पहले श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस प्रस्ताव को सहमति न देने की अपील की थी क्योंकि इससे गलत परंपरा की नींव पड़ जाएगी।