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01 October 2015

टोल पर टालमटोल से जाम हुआ ट्रकों का चक्का

सरकार और एआईएमटीसी के शिष्टमंडल के बीच वार्ता विफल रहने के बाद ट्रक मालिक हड़ताल पर चले गए। ट्रक मालिकों की संस्था का कहना है कि दिसंबर से इलेक्ट्रॉनिक टोल प्रणाली की पेशकश व्यावहारिक नहीं है। ट्रकमालिकों की दूसरी संस्था एआईटीडब्ल्यूए ने कहा कि वह हड़ताल में शामिल नहीं हो रही है। एआईएमटीसी टोल प्रणाली को उत्पीड़न का जरिया करार देकर इसे खत्म करने की मांग कर रही है। साथ ही वह टीडीएस को सरल बनाने और एकमुश्त कर भुगतान की भी मांग कर रही है।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिसंबर तक अखिल भारतीय स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक टोल प्रणाली लागू करने की पेशकश की ताकि उनकी चिंता दूर की जा सके लेकिन साथ ही साफ किया कि टोल प्रणाली खत्म करना संभव नहीं है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष भीम वाधवा ने हालांकि कहा कि केंद्रीय मंत्री ने जो इलेक्ट्रॉनिक टोल प्रणाली की पेशकश की है वह समाधान नहीं है क्योंकि सरकार की ई-टोल परियोजना असफल अवधारणा है ... इसकी पायलट परियोजना भी असफल रही। इसमें भागीदारी करने वाले बैंकों, मसलन, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक ने अपने-आपको परियोजना से अलग कर लिया है।

वाधवा ने कहा कि उनकी मांगों में से एक है वित्त विधेयक, 2015 से पहले की तरह परिवहन व्यापार के लिए टीडीएस का प्रावधान किया जाए और वित्त मंत्री अरण जेटली ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह सीबीडीटी के अध्यक्ष के साथ इस मुद्दे पर बैठक बुलाएंगे। वाधवा ने कहा हड़ताल से ट्रक मालिकों को ।,500 करोड़ रुपये और सरकार को 10,000 करोड़ रुपये रोजाना का नुकसान होगा।

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ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए) के हड़ताल में हिस्सा न लेने के बारे में पूछने पर वाधवा ने कहा कि एआईएमटीसी सर्वोच्च संस्था है और यह 87 लाख ट्रक और 20 लाख बस एवं टेंपो का प्रतिनिधित्व करती है। गडकरी ने कल एआईएमटीसी शिष्टमंडल के साथ विस्तृत बैठक की और उनसे हड़ताल वापस लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक सभी 325 टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली शुरू हो जाएगी।

सरकार ने साफ किया कि एआईएमटीसी की मांग के मुताबिक टोल प्रणाली खत्म करना संभव नहीं है।

गडकरी ने ट्रक मालिकों को आश्वस्त किया है कि सरकार इलेक्टानिक टोल प्रणाली के बाद बिना किसी देरी के अच्छी सड़कों का व्यापक नेटवर्क मुहैया कराएगी। इस प्रणाली के तहत टोल प्लाजा में वाहनों में लगे चिप के जरिये इलेक्टानिक तरीके से चुंगी वसूली जाएगा। एआईएमटीसी ने कहा कि वह टोल के खिलाफ नहीं है बल्कि टोल संग्रह की मौजूदा प्रणाली के खिलाफ है। साथ ही उसने वाहनों के निर्बाध आवागमन और एकमुश्त कर संग्रह की मांग की है।

दूसरी ओर भारतीय परिवहन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण फाउंडेशन (आईएफटीआरटी) ने कहा कि एआईएमटीसी का एकमुश्त सालाना चुंगी तय किए जाने का सुझाव तर्कसंगत नहीं है। आईएमटीआरटी के संयोजक एस पी सिंह ने कहा एआईएमटीसी का ट्रकों के लिए राष्ट्रीय परमिट में सालाना 30,000 रुपये, अंतरराज्यीय परमिट वाले वाहनों के लिए 10,000 रुपये के प्रस्ताव पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि यह बेहद दोषपूर्ण और अतार्किक है।

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TAGS: AIMTC, Electronic toll system, Nitin Gadkari, भीम वाधवा, एआईटीडब्ल्यूए, एस पी सिंह
OUTLOOK 01 October, 2015
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