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07 November 2017

अरुण जेटली ने की नोटबंदी की तारीफ, मनमोहन सिंह की बातों का दिया जवाब

FILE PHOTO.

8 नवंबर को नोटबंदी के एक साल पूरे होने से पहले राजनैतिक बयानबाजी, वार-प्रतिवार का दौर जारी है।

गुजरात के अहमदाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा अर्थव्यवस्था, नोटबंदी, जीएसटी, बुलेट ट्रेन जैस तमाम मुद्दों के बाद सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखी है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और देश के व्यापक हित के लिए देश में स्टेटस को बदलना था। जेटली ने कहा कि पूरे जीडीपी का पूरा 12 प्रतिशत का हिस्सा कैश हो और इसका भी 86 फीसदी बड़ी करेंसी थी।

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उन्होंने कहा कि जो टैक्स देता है उस पर बोझ ज्यादा रहता है। जो नहीं दे रहा उसका भी खर्चा उसे उठाना पड़ता है क्योंकि देश के चलाने के लिए पैसा तो चाहिए। ऐसे में यह एक प्रकार का अन्याय है। जो साधन गरीब के कल्याण के लिए खर्च होना है वह साधन संपन्न व्यक्ति अपनी जेब में रख लेता है। कैश पर आधारित अर्थव्यवस्था में यह भ्रष्टाचार का एक केंद्र और कारण भी होता है।

जेटली ने कहा कि जब से एनडीए की सरकार बनी इस पर रोक के लिए कदम उठाए। एसआईटी का गठन, विदेशों से बदले नियम आदि चीजों पर काम किया गया. खर्चों पर नजर रखना, बेनामी कानून लाना, अप्रत्यक्ष कर के सिस्टम को बदलना आदि काम कर सरकार ने कदम उठाए। इसका परिणाम पिछले सालों में देखा गया।

जेटली ने कहा कि पिछले एक साल में रिसोर्स अवेलिबिलिटी बढ़ी है। बैंकों में, बाजारों में पैसा बढ़ा है। यह अर्थव्यवस्था के लिए ठीक है। नोटबंदी से लेस कैश इकॉनमी की ओर बढ़ने का प्रयास है। टैक्स देने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी। डिजिटल ट्रांसजेक्सन बढ़ा है। आतंकियों की फंडिंग पर अंकुश लगा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में इसकी आलोचना करने वाले भी होंगे। एक तर्क ये कि लोगों ने बैंकों में सारा पैसा डिपॉजिट कर दिया। यह अच्छा है। बैंक में आने से यह पता चलता है कि इसकी मालकियत किसकी है।

उन्होंने कहा कि 1.8 मिलियन लोगों ने पैसा ऐसा दिया है जो उनकी आय से ज्यादा है। इन्हें आईटी में जवाब देना पड़ रहा है। शेल कंपनियों का पता चला। जेटली ने कहा कि जिस गति के साथ डीमॉनेटाइजेशन किया गया वह अपने आप में एक उदाहरण था। पूरे विश्व में इतनी सरलता से इतनी बड़ी रकम को बदला गया।

मनमोहन सिंह के संगठित लूट वाले बयान को दोबारा दोहराने पर अरुण जेटली ने कहा कि काले धन के खिलाफ चलाई गई मुहिम एक नैतिक कदम है। लूट तो वो होती है जो 2जी, CWG में हुई, कोल ब्लॉक आवंटन में हुई।

उन्होंने मनमोहन सिंह के जवाब में कहा कि डॉ सिंह का कुल काम इतना ही है कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता को 2014 से पहले और उसके बाद तुलना करते हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्राथमिक उद्देश्य एक परिवार की सेवा करना है जबकि हमारा प्राथमिक उद्देश्य देश की सेवा करना है।

अरुण जेटली ने पैराडाइड पेपर्स मामले में कहा कि जांच चल रही है। जो प्रक्रिया हमने पनामा पेपर्स के टाइम फॉलो की थी वही हम पैराडाइज पेपर्स पर फॉलो करेंगे।

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TAGS: finance minister, arun jaitley, demonetisation
OUTLOOK 07 November, 2017
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