अरुण जेटली ने की नोटबंदी की तारीफ, मनमोहन सिंह की बातों का दिया जवाब
8 नवंबर को नोटबंदी के एक साल पूरे होने से पहले राजनैतिक बयानबाजी, वार-प्रतिवार का दौर जारी है।
गुजरात के अहमदाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा अर्थव्यवस्था, नोटबंदी, जीएसटी, बुलेट ट्रेन जैस तमाम मुद्दों के बाद सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और देश के व्यापक हित के लिए देश में स्टेटस को बदलना था। जेटली ने कहा कि पूरे जीडीपी का पूरा 12 प्रतिशत का हिस्सा कैश हो और इसका भी 86 फीसदी बड़ी करेंसी थी।
उन्होंने कहा कि जो टैक्स देता है उस पर बोझ ज्यादा रहता है। जो नहीं दे रहा उसका भी खर्चा उसे उठाना पड़ता है क्योंकि देश के चलाने के लिए पैसा तो चाहिए। ऐसे में यह एक प्रकार का अन्याय है। जो साधन गरीब के कल्याण के लिए खर्च होना है वह साधन संपन्न व्यक्ति अपनी जेब में रख लेता है। कैश पर आधारित अर्थव्यवस्था में यह भ्रष्टाचार का एक केंद्र और कारण भी होता है।
#Demonetisation was a watershed moment for the Indian economy: FM Arun Jaitley pic.twitter.com/UMy13yO82E
— ANI (@ANI) November 7, 2017
जेटली ने कहा कि जब से एनडीए की सरकार बनी इस पर रोक के लिए कदम उठाए। एसआईटी का गठन, विदेशों से बदले नियम आदि चीजों पर काम किया गया. खर्चों पर नजर रखना, बेनामी कानून लाना, अप्रत्यक्ष कर के सिस्टम को बदलना आदि काम कर सरकार ने कदम उठाए। इसका परिणाम पिछले सालों में देखा गया।
जेटली ने कहा कि पिछले एक साल में रिसोर्स अवेलिबिलिटी बढ़ी है। बैंकों में, बाजारों में पैसा बढ़ा है। यह अर्थव्यवस्था के लिए ठीक है। नोटबंदी से लेस कैश इकॉनमी की ओर बढ़ने का प्रयास है। टैक्स देने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी। डिजिटल ट्रांसजेक्सन बढ़ा है। आतंकियों की फंडिंग पर अंकुश लगा है।
Terror funding was squeezed because of #Demonetisation, shell companies also being easily identified: FM Jaitley pic.twitter.com/e4270jiQVQ
— ANI (@ANI) November 7, 2017
वित्त मंत्री ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में इसकी आलोचना करने वाले भी होंगे। एक तर्क ये कि लोगों ने बैंकों में सारा पैसा डिपॉजिट कर दिया। यह अच्छा है। बैंक में आने से यह पता चलता है कि इसकी मालकियत किसकी है।
उन्होंने कहा कि 1.8 मिलियन लोगों ने पैसा ऐसा दिया है जो उनकी आय से ज्यादा है। इन्हें आईटी में जवाब देना पड़ रहा है। शेल कंपनियों का पता चला। जेटली ने कहा कि जिस गति के साथ डीमॉनेटाइजेशन किया गया वह अपने आप में एक उदाहरण था। पूरे विश्व में इतनी सरलता से इतनी बड़ी रकम को बदला गया।
मनमोहन सिंह के संगठित लूट वाले बयान को दोबारा दोहराने पर अरुण जेटली ने कहा कि काले धन के खिलाफ चलाई गई मुहिम एक नैतिक कदम है। लूट तो वो होती है जो 2जी, CWG में हुई, कोल ब्लॉक आवंटन में हुई।
An anti-black money drive is a moral step, loot toh vo hoti hai jo 2G, CWG mein huyi, coal block allocation mein huyi: FM Jaitley
— ANI (@ANI) November 7, 2017
उन्होंने मनमोहन सिंह के जवाब में कहा कि डॉ सिंह का कुल काम इतना ही है कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता को 2014 से पहले और उसके बाद तुलना करते हैं।
All that Dr Singh has to do is to compare global credibility of Indian economy pre 2014 and post 2014: FM Arun Jaitley pic.twitter.com/plnS4traLX
— ANI (@ANI) November 7, 2017
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्राथमिक उद्देश्य एक परिवार की सेवा करना है जबकि हमारा प्राथमिक उद्देश्य देश की सेवा करना है।
Congress's primary object is to serve the family and our primary object is to serve the nation : Finance Minister Arun Jaitley
— ANI (@ANI) November 7, 2017
अरुण जेटली ने पैराडाइड पेपर्स मामले में कहा कि जांच चल रही है। जो प्रक्रिया हमने पनामा पेपर्स के टाइम फॉलो की थी वही हम पैराडाइज पेपर्स पर फॉलो करेंगे।
Investigation chal rahi hai. Jo prakriya humne #PanamaPapers ke time pe follow kari thi vahi hum #ParadisePapers pe follow karenge: FM pic.twitter.com/NdMZXbt2XY
— ANI (@ANI) November 7, 2017