हरिद्वार कुंभः फर्जी टेस्ट रिपोर्ट देने वाली कंपनी पर एफआईआर, ऐसे बनाई कोविड-19 की गलत रिपोर्ट
हरिद्वार कुंभ के दौरान कोविड जांच के मामले में एक कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस मामले में सीएम तीरथ सिंह रावत का कहना है कि यह मामला उनके सीएम बनने से पहले का है। जांच हो रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि यह कोई भूल नहीं है। यह एक गंभीर आपराधिक मामला है।
देशभर में चर्चा का विषय बने कुंभ के दौरान जांच फर्जीवाड़े के मामले में हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी ने एक एफआईआर कराई है। इसमें कहा गया है कि आईसीएमआर से मिली एक शिकायत की जांच कराई गई। तो पाया गया कि रैपिड ऐंटिजन टेस्ट के लिए सैंपल कलेक्शन सेंटर का नाम मै. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस, कुंभ मेला है इसकी जांच नलवा लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड हिसार ने की है। आगे की जांच में पाया गया कि दिनांक 13 अप्रैल 2021 से 16 मई, 2021 के बीज उक्त फर्म ने कुंल 1,04,796 सैंपल लिए। इनमें पॉजिटिविटी मात्र 0.18 फीसदी पाई गई। यह उक्त अवधि की हरिद्वार की सामान्य पॉजिटिविटी 5.3 फीसदी से काफी कम है। यह संदेह पैदा करता है। इस तरह उक्त फर्म ने जान-बूझकर फर्जी एंट्रियां कर आर्थिक लाभ लेने का प्रयास किया गया है। उक्त फर्म ने जिन सैंपल लेने वालों को अधिकृत किया। उनका कहना है कि वे उक्त फर्म अथवा दोनो लैब (नालवा लैब औऱ डॉ. लाल चंदानी दिल्ली से संबंधित नहीं हैं। उक्त फर्म ने कुंभ मेला समाप्त होने के बाद भी एक से 15 मई तक पोर्टल पर की गई हैं। एक ही नंबर 27198 सैंपल आईडी पर 73551 सैंपल लिए गए। स्पष्ट है कि फर्जी एंट्रियॉ कर आपदा अधिनियम के अंतर्गत सरकारी धन को चोरी की मंशा से गम्भीर अपराध किया गया है।
जांच से यह स्पष्ट है कि मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कुंभ मेला, नलवा लैबोरेटिज प्राइवेट लिमिटेड, हिसार और डा. लाल चंदानी लैब ने फर्जी एंट्रियॉ उत्तराखंड से बाहर की विभिन्न लोकेशन पर की गई। यह राज्य के साथ धोखाधड़ी है।
इधर, इस मामले में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि यह मामला उनके कार्यभार संभालने से पहले का है। मामला संज्ञान में आते ही इसकी जांच का आदेश दिया गया है। जांच चल रही है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह कोई लापरवाही नहीं. बल्कि एक गंभीर आपराधिक मामला है। निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ताकि सच्चाई सामने आ सके।