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27 July 2015

अरूणाचल के पहले सीएम को साढ़े चार साल की जेल

गूगल

नयी दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे पी के थुंगन को दो करोड़ रूपए की केंद्रीय निधि के गबन के आरोप में 1998 में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने साढ़े चार साल की कैद की सजा सुनायी। इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही थी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश अजय कुमार जैन ने 68 वर्षीय थुंगन को कैद की सजा सुनाने के 10,000 रूपए का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने दो अन्य मुजरिमों ताली ए ओ और सी सांगित को भी साढ़े तीन साल की कैद की सजा सुनाई जबकि चौथे मुजरिम महेश माहेश्वरी को ढाई साल के कारावास का दंड सुनाया।

दरअसल सीबीआई के अनुसार नगालैंड सरकार के एक प्रस्ताव पर योजना आयोग ने राज्य की लघु सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार एवं उन्नयन के लिए 1994 में दो करोड़ रूपए मंजूर किए थे और यह धनराशि दो किश्तों में एक एक करोड़ रूपए जारी की जानी थी। इसी मामले में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कर रही थी। जांच के बाद चले ट्रायल में थुंगन और अन्य चारों आईपीसी की धारा 120बी, 419,  420, 467, 468, और 471 एवं भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराए गए थे। चारों को मुजरिम ठहराते हुए अदालत ने कहा था कि इस मामले के तथ्यों से नागालैंड के प्रशासनिक हालत की दयनीय स्थिति का पता चलता है क्योंकि आरोपियों द्वारा दो करोड़ की हेराफेरी की गयी लेकिन इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गयी।

इससे पहले सोमवार को सजा पर बहस करते हुए सीबीआई ने थुंगन और तीन अन्य मुजरिमों के लिए उपयुक्त सजा की मांग की थी। सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा कि थुंगन अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र में राज्य मंत्री जैसे उच्च पदों पर रहे लेकिन उसके बाद भी उन्होंने ऐसा अपराध किया, इसलिए थुंगन की हैसियत को ध्यान में रखते हुए उन्हें उपयुक्त सजा दी जाए। तीन अन्य मुजरिमों ने इस साजिश में उनकी मदद की इसलिए उन्हें भी उपयुक्त सजा दी जाए। सीबीआई वकील ने अदालत को यह भी बताया कि थुंगन के खिलाफ चार और मामले अब भी लंबित हैं।

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वहीं थुंगन के वकील ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ सभी अन्य मामले कथित आवास घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज एक ही प्राथमिकी से जुड़े हैं और थुंगन कई बीमारियों से ग्रस्त हैं और अपनी बीमार पत्नी की देखभाल करने के लिए अकेले ही हैं। सुनवाई के दौरान थुंगन ने अदालत से कहा कि वह अरुणाचल के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं और उनके ही प्रयासों से अरुणाचल पहले केंद्रशासित प्रदेश और फिर राज्य बना। साथ ही थुंगन ने अदालत को बताया कि जवाहर लाल नेहरू मुक्त विश्वविद्यालय उनके ही दिमाग की उपज है और मुक्त विद्यालय भी उनका ही विचार था जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लागू किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में उनके विचार के कारण ही पंचायती राज एक कानून का रूप ले सका। मैंने सारा जीवन राष्ट्रीय एकता के लिए काम किया। इस पर न्यायाधीश ने उनसे कहा, मुझे लगता है कि आप गलत संगत में थे। अपने हावभाव एवं बातचीत से तो आप ईमानदार व्यक्ति जान पड़ते हैं।

सीबीआई अदालत ने तत्कालीन शहरी मामले एवं रोजगार राज्यमंत्री थुंगन, ताली ए ओ, सी सांगित और महेश माहेश्वरी को इस मामले में बीते 21 जुलाई को दोषी ठहराया था। जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था। थुंगन समेत चारों मुजरिम आज जेल से अदालत लाए गए थे।

 

 

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TAGS: अरूणाचल प्रदेश, पी के थुंगन, सीबीआई, न्यायाधीश अजय कुमार जैन, भ्रष्टाचार, Arunachal Pradesh, P K Thungan, CBI, Justice Ajay Kumar Jain, corruption
OUTLOOK 27 July, 2015
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