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03 May 2016

जंगल में आग: एनजीटी ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से मांगा जवाब

गूगल

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से भी पूछा है कि उसने हालात पर काबू पाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। पीठ ने कहा, आपने (पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने) आग की बाबत क्या किया है? यह हमें चौंका रहा है। हर कोई इसे इतने हल्के में ले रहा है। इस सवाल के जवाब में मंत्रालय के वकील ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की पूरी टीम इस मुद्दे पर काम कर रही है और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों को भी आग बुझाने के अभियानों में तैनात किया गया है। इस पर पीठ ने उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश सरकारों से पूछा, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आपने क्या तैयारियां की हैं? बहरहाल, पीठ ने इस मुद्दे पर दोनों राज्य सरकारों के वकीलों को निर्देश लेने को कहा।

 

एक एनजीओ की ओर से दाखिल अर्जी पर बहस की सुनवाई के दौरान एनजीटी की पीठ ने कहा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को दोनों राज्यों के जंगलों में लगी आग के संदर्भ में कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। पीठ ने कहा कि संबंधित सचिव 10 मई को सुनवाई की अगली तारीख पर इस बाबत अपना हलफनामा दाखिल करेंगे। एनजीटी ने उन्हें यह भी बताने को कहा है कि आग लगने की घटना से पहले उनकी ओर से कैसे एहतियाती कदम उठाए गए थे और वन प्रबंधन को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं। एनजीटी ने कहा, हम आग लगने के कारणों के बारे में जानना चाहते हैं।

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TAGS: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जंगल में आग, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, एनजीटी, सख्त रुख, कारण बताओ नोटिस, एनजीटी अध्यक्ष, न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, मुख्य सचिव
OUTLOOK 03 May, 2016
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