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20 August 2015

प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करें – एफटीआईआई छात्र

आकांक्षा पारे काशिव

एफटीआईआई स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एफएसए) के प्रतिनिधि विकास उर्स ने यहां संवाददाताओं से कहा, समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री को एफटीआईआई का दौरा करना चाहिए। देश के सभी छात्र उनकी समस्याओं के प्रति सरकार की अंसवेदनशीलता के कारण खतरा महसूस कर रहे हैं। यदि यह जारी रहा तो छात्रों को और मजबूती से हड़ताल करनी चाहिए।

 

कल इस मसले पर गतिरोध और बढ़ गया जब संस्थान के निदेशक प्रशांत पाथराबे को उनके चैंबर में रोके रखने के बाद दंगा करने के आरोपों में उर्स समेत पांच छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद सरकार ने गतिरोध समाप्त करने के लिए सूचना एवं प्रसारण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल गठित किया। पुणे की एक अदालत ने छात्रों को कल जमानत पर रिहा कर दिया था।

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हड़ताल कर रहे एक छात्र ने कहा, हम यह देखने के लिए काफी उत्सुक हैं कि वह यानी अधिकारी अब किस नए एजेंडे के साथ आएंगे। हमें कोई अंदाजा नहीं है। छात्रों के निकाय को यह नहीं बताया गया है कि प्रतिनिधिमंडल आ रहा है। हमें यह सब मीडिया से पता चल रहा है। हमें अब भी उपयोगी वार्ता की उम्मीद है।

 

एक अन्य छात्र ने कहा, हम वार्ता के लिए तैयार हैं। हम पहले ही दिन से वार्ता के लिए तैयार रहे हैं और अंतत: मंत्रालय को यह समझ आ गया है कि हमें वार्ता की मेज पर बैठकर मुख्य मुद्दों पर बातचीत करनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि अधिकारी खुले दिमाग के साथ आएंगे और हमें उपयोगी बातचीत होने की उम्मीद है।

 

पाथराबे ने आरोप लगाया कि करीब 40 छात्रों ने उन्हें प्रताडि़त किया, उन्हें डराया, धक्का दिया और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया।

 

बताया जा रहा है कि छात्र 2008 बैच के अधूरे डिप्लोमा फिल्म प्रोजेक्ट का आकलन करने के पाथराबे के निर्णय से गुस्से में थे।

 

चौहान की नियुक्ति को लेकर छात्रा 12 जून से हड़ताल पर हैं और उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है इस कारण एफटीआईआई में शैक्षणिक गतिविधियां बाधित हो गई हैं।

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TAGS: FTII, pune, narendra modi, एफटीआईआई, पुणे, नरेन्द्र मोदी
OUTLOOK 20 August, 2015
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