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20 December 2015

अदालती नोटिसों के बावजूद पेश नहीं हो रही डाउ

गूगल

सन् 1984 की 2 और 3 दिसंबर की दरम्यानी रात यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) के भोपाल स्थित संयंत्र में हुए गैस रिसाव के हादसे में 25,000 लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे। इस कारखाने की वर्तमान मालिक कंपनी डाउ भोपाल गैस हादसे मामले में जिला अदालत के समन की लगातार अवहेलना कर रही है। भोपाल गैस पीड़ित संगठनों की दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राजेश नंदेश्वर ने कल डाउ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए इस मामले में अगली सुनवाई अगले साल 13 जुलाई को निर्धारित की है।

 

सीबीआई के वकील अजय कुमार ने अदालत को बताया कि भारत के विदेश मंत्रालय के जरिये डाउ कैमिकल को समन भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग के इससे संबंधित कुछ प्रश्न थे जिनका उत्तर दिया गया है। भोपाल ग्रुप फॉर इन्फारमेशन एंड एक्शन (बीजीआईए) की ओर से सिंह ने अदालत में आवेदन दायर कर मांग की है कि डाउ कैमिकल के खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की जाए और उसके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 174 और धारा 212 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए। बीजीआईए ने अपील की है कि यूसीसी के खिलाफ भी आपराधिक मुकदमा शुरू किया जाए।

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इस बीच भोपाल गैस पीडि़तों के पांच संगठनों ने भोपाल जिला न्यायालय में चल रहे मुकदमे में डाउ कैमिकल का बचाव करने के प्रयासों के लिए अमेरिकी प्रशासन की निंदा की है। भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की प्रमुख रशीदा बी और भोपाल ग्रुप फॉर इन्फारमेशन एंड एक्शन के संयोजक सतीनाथ सारंगी और रचना ढींगरा ने कहा कि भोपाल जिला अदालत के नोटिस की लगातर तीसरी बार अवहेलना कर डाउ कैमिकल अदालत में हाजिर नहीं हुआ है। डाउ-कार्बाइड के खिलाफ बने संगठन की साफरीन खान, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरूष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान और भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने सीबीआई को जानकारी दी है कि डाउ कैमिकल को नोटिस नहीं देने का निर्णय लिया गया है क्योंकि डाउ कैमिकल भोपाल गैस हादसे के लिए जिम्मेदार नहीं है।

 

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फारमेशन एंड एक्शन संगठन के वकील अवि सिंह ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा डाउ कैमिकल को नोटिस नहीं भेजने का निर्णय अपराधों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए स्थापित आपसी कानूनी सहायता संधि के सिद्धांतों के खिलाफ है। सिंह ने बताया कि डाउ कैमिकल ने अपनी स्वयं की वेबसाइट में अदालत के नोटिस का जिक्र किया है इसलिए डाउ को और नोटिस भेजने की आवश्यकता नहीं है।

 

 

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OUTLOOK 20 December, 2015
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