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25 November 2021

ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आठ लाख सालाना आय की सीमा पर फिर से विचार करेगा केंद्र, टाली गई नीट की काउंसिलिंग

केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसने नीट में पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले में आरक्षण के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी निर्धारित करने के लिए तय आठ लाख रुपये की सालाना आय की सीमा पर फिर से गौर करने का फैसला लिया है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और विक्रम नाथ की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि ईडब्ल्यूएस के मानदंड निर्धारित करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा और इसमें चार सप्ताह लगेंगे।

मेहता ने कहा कि नीट (पीजी) की काउंसलिंग कोर्ट को पहले दिए गए आश्वासन के अनुसार अगले चार सप्ताह के लिए स्थगित रहेगी।

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केंद्र ने कोर्ट को बताया है कि अब वो आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग वाले क्राइटेरिया को बदलने जा रही है। अभी तक जिस उम्मीदवार के परिवार की इनकम साल की 8 लाख से कम थी, उन्हें ईडब्ल्यूएस में रखा जाएगा, लेकिन अब यहीं पर बड़ा परिवर्तन होगा। सरकार इस आठ लाख वाली लिमिट को ही बढ़ाने जा रही है। चार महीने के अंतर्गत केंद्र इस पर निर्णय ले सकती है। इस फैसले के लागू होते ही एक बड़े वर्ग को फायदा पहुंचेगा और सभी को समान अवसर भी मिल जाएगा।

बता दें कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया जा सका है कि सरकार इस क्रीमी लेयर में कितना परिवर्तन करने जा रही है, लेकिन कुछ लोग यदि 10 लाख वाले क्राइटेरिया को लागू करना चाहते हैं तो कुछ 12 लाख तक की मांग कर रहे हैं।

सरकार का ये फैसला इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि इसका सीधा कनेक्शन नीट पीजी की काउंसलिंग से भी है। असल में नीट काउंसिलिंग 2021 में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है। कोर्ट ने केंद्र को कहा था कि वो 8 लाख रुपये वार्षिक आय के फैसले पर दोबारा विमर्श करे। अब उसी आदेश के बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वो क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाने जा रहा है।

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TAGS: मोदी सरकार, ओबीसी आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट, क्रीमी लेयर की लिमिट, Modi government, OBC reservation, Supreme Court, creamy layer limit, ईडब्ल्यूएस
OUTLOOK 25 November, 2021
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