मंदसौर ग्राउंड रिपोर्ट: तो फिर शांत रहा मंदसौर का अंधाधुंध फायरिंग वाला स्पॉट
तारीख 6 जून थी और दिन मंगलवार था। मंदसौर जिला मुख्यालय में प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन की ख़बरों को लेकर बाजार गरम था। किसान कर्ज माफी, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहे थे। तब किसान आंदोलन के कुछ लोग सोमवार रात को मंदसौर के दलौदा स्टेशन में घुस जाते है और रेलवे फाटक को तोड़ देते है। आंदोलनकारी पटरियों भी उखाड़ने का प्रयास करते है।
सुबह मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी में हालात बेकाबू हो जाते है। बही पार्शवनाथ चौपाटी पर खड़े करीब 10 वाहन आग के हवाले कर दी जाती है। प्रदर्शनकारियों को बही पार्शवनाथ चौपाटी पुलिस चौकी की तरफ बढ़ता देख आक्रोशित पुलिस ने अंधाधुंध फ़ायरिंग की। इसमें 5 किसान मारे गए।
ठीक एक महीने बाद मंदसौर
सुबह के 6.15 बजे
आज बृहस्पतिवार है और स्टेशन रोड में आसपास के गांव से आये किसानों ने प्लास्टिक सीट बिछा दी है. जल्द ही किसान अपनी पोटलियों को खोल गुलाब और गेंदे के फूलों को बिछा डालते देते हैं। शहर की एक व्यस्तम सड़क पर मानो फूलों का कारपेट बिछा हो.
ग्राम पुगलिया निवासी प्रभु लाल कहतेे हैं, 'रोजाना फूलो को इसी प्रकार बिछाता हूँ. फूलों के गुच्छे बिक जाते है।'
जल्द ही वे इनको टाइल्स के बराबर छोटे छोटे गुच्छों का आकर देते है, ताकि फूलों का टाइल 10 रुपये के हिसाब से बिक जाये। इनके ज्यादातार ग्राहक मॉर्निंग वॉकर्स और बच्चों को स्कूल छोड़ने वाले पेरेंट्स हैं।
सुबह के 6.45 बजे
लगता है मंदसौर पुलिस कंट्रोल रूम में सुबह काफी देर पहले हो चुकी है। सभी जवान अलर्ट दिख रहे है। कंट्रोल रूम से कुछ दूर नई आबादी रोड में गुप्ता टी स्टाल में टुकड़ियों में पुलिस वाले चाय पी कर अपनी तैनाती वाले स्थान की तरफ, यानि की पिपलिया मंडी की तरफ रवाना हो रहे हैं।
सुबह के 7 बजे
महाराण प्रताप चौराहा या नया बस स्टैंड आ चुका है। बस स्टैंड के पास ही रास्ते में एक जगह गाये को खिलाने वाला चारा और घास को ढेर लगा हुआ है। ढेर के पीछे गायों का एक बारा है। फूलों के गुच्छों की तरह यहाँ भी गुच्छे बने हुए हैं।
मंदसौर के खानपुरा क्षेत्र में रहने वाले जगदीश मालवीय बताते हैं कि, 'रोजाना 250 रुपये तक कमा लेता हूँ, जब भी माल बचता है, यहां गायों को दे जाता हूँ।' 7.15 बजे रॉयल गोल्ड की बस पिपलिया मंडी की तरफ चल पड़ती है।
सुबह के 8 बजे
पिपलिया मंडी अपनी आँखे खोल चुकी है। दूध वाले होटल और घरों के सामने दिख रहे है। यहाँ से बही पार्शवनाथ चौपाटी पुलिस चौकी जहा अंधाधुंध फ़ायरिंग में 5 किसान मारे गए, वो लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर है। कई मोटर साइकिल गुजरने के बाद एक ट्रैक्टर वाला रुक जाता है।
सुबह के 8. 20 हो चुके हैं
बही पार्शवनाथ चौपाटी पुलिस चौकी में पुलिस वाले सड़क के दोनों तरफ मुस्तैदी से खड़े है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के कार्यकर्ताओ 6 जून को पुलिस फायरिंग में मारे गए पांच किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद अपनी किसान मुक्ति यात्रा का शंखनाद करेंगे। मंदसौर पुलिस प्रमुख और कलेक्टर ग्राउंड रिपोर्ट लेते है। बही पार्शवनाथ चौपाटी पुलिस चौकी से दोनों मंदसौर पुलिस प्रमुख की गाड़ी में गुड़बेली ग्राम की तरफ रवाना होते हैं, जहाँ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के कार्यकर्ताओ को गिरफ्तार किया जायेगा।