जानिए क्यों हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने सुप्रीम कोर्ट को बताया महान
अयोध्या में राम मंदिर केस की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनवरी तक टालने पर भाजपा नेताओं और मंत्रियों के अटपटे बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस कड़ी में ताजा बयान हरियाणा में भाजपा सरकार के मंत्री अनिल विज का आया है जिसमें उन्होंने सु्प्रीम कोर्ट को व्यंगात्मक लहजे में महान बताया और कहा कि यह उसकी मर्जी है कि वह जो चाहे वो करे।
अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर खबरों में रहने वाले हरियाणा की भाजपा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट महान है, जो चाहे वह करे। आतंकी याकूब मेमन के लिए रात के 12 बजे खुला था, जबकि जिस राम मंदिर के विषय पर पूरा देश टकटकी लगाए इंतजार कर रहा है, उस पर तारीख पर तारीख मिलती है। ये तो सुप्रीम कोर्ट की मर्जी है।”
“हिंदुओं का सब्र टूट रहा है”
एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था, “कांग्रेस ने इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बना दिया है अब हिन्दुओं का सब्र टूट रहा है। मुझे भय है कि अगर हिन्दुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा?”
अध्यादेश ला सकती है सरकार
भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर संकेत दिए थे कि सरकार को इस मसले पर आध्यादेश लाने के विकल्प को तलाशना चाहिए। उन्होंने कहा था कि “सुप्रीम कोर्ट संसद से ऊपर नहीं हो सकती है और अयोध्या मामले में केंद्र सरकार को कानून बनाने का अधिकार है।“
“अध्यादेश लाने से किसने रोका है”
वहीं इस पर कांग्रेस नेता और इस केस में एक वकील कपिल सिब्बल का कहना था कि यह कोर्ट को तय करना है कि अयोध्या मसले को कब सुना जाना है। यह भाजपा या कांग्रेस द्वारा तय नहीं किया जा सकता है। अगर वे (भाजपा सरकार) इस पर कोई कानून बनाना चाहते हैं तो कांग्रेस ने उनको नहीं रोका है। यह मसला इसलिए उछाला जा रहा है कि चुनाव आने वाले हैं। क्या वे चार साल से सो रहे थे?
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से भाजपा पर दबाव बढ़ेगा। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए ये महत्वपूर्ण होगा कि उसने राम मंदिर के निर्माण के लिए क्या-क्या कदम उठाए।